तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने शुक्रवार को वक्फ अधिनियम 2025 की आलोचना करते हुए कहा कि अगर एक समुदाय के अधिकारों को फिर से लिखा जा सकता है तो उन्हें सभी के लिए फिर से लिखा जा सकता है। राज्यसभा सांसद ने कहा कि वक्फ मुद्दा केवल भूमि या कानून के बारे में नहीं है, बल्कि सम्मान के बारे में है। उन्होंने कहा कि उनके ब्लॉग का शीर्षक केवल एक बयानबाजी वाला सवाल नहीं है, बल्कि अल्पसंख्यक और हाशिए के समुदायों के लाखों भारतीयों के जीवित अनुभव को दर्शाता है।

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