उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भारत के पड़ोसी देशों में हिंदुओं के खिलाफ मानवाधिकारों के उल्लंघन पर चिंता व्यक्त की और इस मुद्दे पर वैश्विक चुप्पी पर सवाल उठाया. उन्होंने तथाकथित मानवाधिकारों के संरक्षकों की गहरी चुप्पी के लिए आलोचना की और उन्हें "किसी ऐसी चीज के भाड़े के सैनिक" करार दिया जो मानवाधिकारों के बिल्कुल विपरीत है.
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