राहुल गांधी ने गोदाबाई नाम की एक महिला का जिक्र करते हुए कहा कि किसी ने फ़र्ज़ी लॉगिन बनाए, 12 मतदाताओं के नाम हटाए, और हटाने का प्रयास किया—क्योंकि यह प्रयास रोक दिया गया था। बेशक, गोदाबाई को इसकी कोई जानकारी नहीं है।ये वो मोबाइल नंबर थे जिनका इस्तेमाल इन लोगों को मतदाता सूची से हटाने के लिए किया गया था। ये कर्नाटक के नहीं हैं। ये नंबर अलग-अलग राज्यों के हैं।तो, ये सवाल उठते हैं:
ये नंबर किसके हैं?
इन्हें कैसे संचालित किया गया
इन्हें कहाँ से संचालित किया गया?
प्रक्रिया में बाधा डालने के लिए ओटीपी किसने जनरेट किए?
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