राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि बलात्कार जैसे जघन्य अपराधों में अदालती फैसलों में देरी से आम आदमी यह सोचने को मजबूर होता है कि न्यायिक प्रक्रिया में संवेदनशीलता का अभाव है. उन्होंने न्यायपालिका में 'स्थगन की संस्कृति' में बदलाव का आह्वान भी किया. उन्होंने कहा कि लम्बे समय से लंबित मामले और लंबित मामले न्यायपालिका के समक्ष एक बड़ी चुनौती है. मुर्मू ने जिला न्यायपालिका के दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि जब बलात्कार जैसे जघन्य अपराध में अदालती फैसले एक पीढ़ी बीत जाने के बाद आते हैं, तो आम आदमी को लगता है कि न्यायिक प्रक्रिया में संवेदनशीलता का अभाव है.
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