वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई के दौरान सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल और मुख्य न्यायाधीश (CJI) के बीच रोचक संवाद देखने को मिला।कपिल सिब्बल ने दलील देते हुए कहा कि 1954 के बाद वक्फ कानून में जितने भी संशोधन हुए हैं, उनमें वक्फ संपत्ति का पंजीकरण अनिवार्य कर दिया गया है। इस पर अदालत ने सवाल उठाया कि क्या "वक्फ बाय यूजर" मामलों में भी पंजीकरण अनिवार्य था?

सिब्बल ने इस सवाल के उत्तर में "हां" कहा। अदालत ने पुनः स्पष्ट किया, "तो आप कह रहे हैं कि 1954 से पहले उपयोगकर्ता द्वारा घोषित वक्फ का पंजीकरण आवश्यक नहीं था, लेकिन 1954 के बाद यह अनिवार्य हो गया?"इस पर सिब्बल ने जवाब दिया, "इस विषय में कुछ भ्रम है। यह वर्ष 1923 भी हो सकता है।"


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