बांबे हाई कोर्ट की विशेष पीठ ने अपने फैसले में कहा कि मामले में प्रस्तुत किए गए सबूत विश्वसनीय नहीं थे, और कई गवाहों की गवाही संदेहास्पद पाई गई। अदालत ने यह भी माना कि आरोपियों से जबरन पूछताछ कर बयान लिए गए, जो कानूनी रूप से स्वीकार्य नहीं हैं।

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