यह मामला राष्ट्रपति के पास विचारार्थ भेजे गए एक संवैधानिक संदर्भ (Presidential Reference) से जुड़ा है, जिसमें पूछा गया है कि क्या न्यायालय यह निर्देश दे सकता है कि राज्यपाल या राष्ट्रपति कितने समय में किसी विधेयक को स्वीकृति दें या अस्वीकृत करें।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को इस पर गंभीरता से विचार करते हुए केंद्र और सभी राज्यों को नोटिस जारी किया है और जवाब मांगा है। यह मामला इसलिए भी अहम है क्योंकि हाल के वर्षों में कई राज्यों ने शिकायत की है कि राज्यपाल द्वारा विधेयकों को रोककर रखा जाता है, जिससे सरकार का काम प्रभावित होता है।
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