जांच के घेरे में घोष
सीबीआई के अधिकारियों ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पूर्व प्राचार्य संदीप घोष, पूर्व चिकित्सा अधीक्षक संजय वशिष्ठ और 13 अन्य के परिसरों पर संस्थान में कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच के सिलसिले में कोलकाता और उसके आसपास छापेमारी की।केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की भ्रष्टाचार निरोधक इकाई ने मरीजों के प्रबंधन और देखभाल के लिए सामग्री की आपूर्ति करने वाले लोगों के आवासों और कार्यालयों की भी तलाशी ली।
कलकत्ता उच्च न्यायालय के निर्देश पर दर्ज अपनी प्राथमिकी में सीबीआई ने घोष और कोलकाता स्थित तीन निजी संस्थाओं मा तारा ट्रेडर्स, मध्य झोरेहाट, बानीपुर, हावड़ा; ईशान कैफे, 4/1, बेलगाछिया और खामा लौहा के खिलाफ मामला दर्ज किया है।एजेंसी ने घोष और निजी संस्थाओं के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश), 420 (धोखाधड़ी) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की है।
उन्होंने बताया कि कम से कम सात सीबीआई अधिकारियों ने सुबह आठ बजे बेलियाघाटा स्थित घोष के आवास पर उनसे पूछताछ की, जबकि अन्य ने अस्पताल के पूर्व चिकित्सा अधीक्षक और उप प्राचार्य वशिष्ठ तथा चिकित्सा प्रतिष्ठान के फोरेंसिक-मेडिसिन विभाग के एक अन्य प्रोफेसर से पूछताछ की। लंबा इंतजार केंद्रीय बलों की एक बड़ी टीम के साथ सीबीआई की टीम सुबह करीब छह बजे घोष के आवास पर पहुंची, लेकिन दरवाजा खोलने से पहले उन्हें करीब डेढ़ घंटे तक इंतजार करना पड़ा। उन्होंने बताया कि केंद्रीय एजेंसी के अन्य अधिकारी हावड़ा में एक आपूर्तिकर्ता के आवास पर गए। एक अधिकारी ने बताया, "वशिष्ठ से पूछताछ की जा रही है कि एमएसवीपी रहते हुए अस्पताल में हुई वित्तीय अनियमितताओं के बारे में उन्हें कितनी जानकारी थी।
सीबीआई अधिकारियों की एक अन्य टीम ने अस्पताल में पूर्व प्राचार्य के कार्यालय की भी तलाशी ली और शैक्षणिक भवन में कैंटीन भी गई। उन्होंने वर्तमान प्राचार्य मानस कुमार बंद्योपाध्याय से सुबह अस्पताल पहुंचने और चिकित्सा प्रतिष्ठान में तलाशी के दौरान उनके साथ रहने को कहा। जघन्य अपराध9 अगस्त को अस्पताल के सेमिनार हॉल में एक स्नातकोत्तर प्रशिक्षु महिला डॉक्टर के साथ कथित तौर पर बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई, जिसके बाद कोलकाता पुलिस के एक नागरिक स्वयंसेवक को गिरफ्तार किया गया।इस जघन्य अपराध के परिणामस्वरूप डॉक्टरों और नागरिकों ने देश भर में विरोध प्रदर्शन किया।कलकत्ता उच्च न्यायालय के निर्देश पर, सीबीआई ने हत्या के साथ-साथ कथित वित्तीय अनियमितताओं के मामले दर्ज किए।