पीएम मोदी ने कहा कि नेहरू ने सिर्फ़ पानी ही नहीं दिया, बल्कि नदी पर नहरें बनाने के लिए पाकिस्तान को करोड़ों की सहायता भी दी। नेहरू ने पाकिस्तान की इस शर्त पर भी सहमति जताई कि भारत को इन बांधों से गाद निकालने की भी इजाज़त नहीं दी जाएगी। बाद में नेहरू को भी अपनी गलती माननी पड़ी। यह नेहरू की कूटनीति थी। इसमें किसानों के लिए कोई जगह नहीं थी। इन संधियों ने भारत को कमज़ोर किया, भारत की प्रगति नहीं होने दी, भारत के किसानों की परवाह नहीं की। आज, भारत ने संधि को स्थगित रखकर देश और किसानों के हित में नेहरू की गलतियों को सुधार लिया है। भारत ने तय कर लिया है कि अब खून और पानी साथ-साथ नहीं बहेंगे।

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