नीट फैसले के रिव्यू की मांग


सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर नीट-यूजी 2024 को नए सिरे से आयोजित करने के फैसले को खारिज करने के अपने आदेश की समीक्षा की मांग की गई है।शीर्ष अदालत ने 2 अगस्त के अपने आदेश में कहा था कि वर्तमान में रिकॉर्ड पर कोई पर्याप्त सामग्री नहीं है, जो परीक्षा की अखंडता से समझौता करने वाले सिस्टमिक लीक या कदाचार को इंगित करती हो।काजल कुमारी द्वारा दायर समीक्षा याचिका में शीर्ष अदालत के आदेश पर पुनर्विचार की मांग की गई है।

शीर्ष अदालत ने राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (स्नातक) (नीट-यूजी) आयोजित करने वाली राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) के कामकाज की समीक्षा करने और परीक्षा सुधारों की सिफारिश करने के लिए पूर्व भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) प्रमुख के राधाकृष्णन की अध्यक्षता में केंद्र द्वारा नियुक्त पैनल के अधिकार क्षेत्र का विस्तार किया था।अदालत ने कहा था कि चूंकि पैनल के अधिकार क्षेत्र का विस्तार किया गया है, इसलिए समिति परीक्षा प्रणाली में कमियों को दूर करने के विभिन्न उपायों पर 30 सितंबर तक अपनी रिपोर्ट पेश करेगी।

शीर्ष अदालत ने एनटीए को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि अदालत द्वारा अपने फैसले में उजागर की गई सभी चिंताओं का समाधान किया जाए और सात सदस्यीय समिति से अनुरोध किया कि वह अपनी सिफारिशें करते समय इन मुद्दों को ध्यान में रखे। एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष और अन्य संबंधित पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए 5 मई को आयोजित नीट-यूजी 2024 में 23 लाख से अधिक छात्रों ने भाग लिया।

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