जम्मू-कश्मीर के रामबन में बादल फटने से पहले 14 अगस्त को किश्तवाड़ जिले के चिसोती गांव में बादल फटने से 65 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें अधिकांश तीर्थयात्री थे। इस घटना में 100 से अधिक लोग घायल भी हुए थे। इसके तीन दिन बाद कठुआ जिले में अचानक आई बाढ़ में पांच बच्चों सहित सात लोगों की जान चली गई और कई अन्य घायल हो गए।

रियासी जिले में वैष्णो देवी मार्ग पर भूस्खलन की चपेट में आकर 34 तीर्थयात्रियों की मौत हो गई, जबकि 20 से ज्यादा लोग घायल हुए। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 24 अगस्त को जम्मू पहुंचे, जहां उन्होंने चिसोती में बादल फटने और अचानक आई बाढ़ से प्रभावित हालात का जायजा लिया।

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