प्रमोद तिवारी ने कहा कि सदन की कार्यवाही छह बजे के बाद अगर चलती है तो सदन की सहमति लेना जरूरी है. आप बहुत खींचेंगे तो आठ घंटे चर्चा का समय तय हुआ था यानी एक से नौ बजे तक. इसके बाद सदन किसके सेंस पर चल रहा है. 

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