टेरर फंडिंग के मामले में दिल्ली की तिहाड़ जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे जम्मू और जेकेएलएफ-वाई के अध्यक्ष यासीन मलिक ने खुद को गांधीवादी बताया है. मलिक ने अपने संगठन जेकेएलएफ-वाई पर प्रतिबंध की समीक्षा करने वाले यूएपीए न्यायाधिकरण से कहा है कि अब वो गांधीवादी है. उसने 1994 से ही हथियार और हिंसा छोड़ दी है. अपने हलफनामे में मलिक ने दावा किया कि उन्होंने 1994 में "संयुक्त स्वतंत्र कश्मीर" की स्थापना का लक्ष्य पाने के मकसद से जेकेएलएफ-वाई के जरिए सशस्त्र संघर्ष की राह छोड़ दी थी.

Read More
Next Story