सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि पत्रकारों के खिलाफ सिर्फ इसलिए आपराधिक मामला नहीं दर्ज किया जाना चाहिए. क्योंकि उनके लेखन को सरकार की आलोचना के रूप में देखा जाता है. जस्टिस हृषिकेश रॉय और जस्टिस एसवीएन भट्टी की पीठ ने कहा कि लोकतांत्रिक देशों में अपने विचार व्यक्त करने की स्वतंत्रता का सम्मान किया जाता है और संविधान के अनुच्छेद 19(1)(ए) के तहत पत्रकारों के अधिकारों की रक्षा की जाती है.
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