सभी मीडिया चैनलों, डिजिटल प्लेटफॉर्म और व्यक्तियों को रक्षा अभियानों और सुरक्षा बलों की आवाजाही की लाइव कवरेज या वास्तविक समय की रिपोर्टिंग से बचने की सलाह दी जाती है। ऐसी संवेदनशील या स्रोत-आधारित जानकारी का खुलासा परिचालन प्रभावशीलता को खतरे में डाल सकता है और जान को खतरे में डाल सकता है।
कारगिल युद्ध, 26/11 हमले और कंधार अपहरण जैसी पिछली घटनाएं समय से पहले रिपोर्टिंग के जोखिमों को रेखांकित करती हैं। केबल टेलीविजन नेटवर्क (संशोधन) नियम, 2021 के खंड 6(1)(पी) के अनुसार, आतंकवाद विरोधी अभियानों के दौरान केवल नामित अधिकारियों द्वारा आवधिक ब्रीफिंग की अनुमति है। सभी हितधारकों से आग्रह किया जाता है कि वे राष्ट्र की सेवा में उच्चतम मानकों को बनाए रखते हुए कवरेज में सतर्कता, संवेदनशीलता और जिम्मेदारी बरतें।
Next Story