परीक्षा रद्द करने की मांग कारने वाले वकीलों की दलील पर CJI ने सरकार की तरफ से पेश हुए SG से पूछे सवाल


CJI ने SG से कई सवाल किये जो इस प्रकार हैं

CJI ने पूछा- हम जानना चाहते है प्रश्नपत्र किसने तैयार किया. प्रिंटिंग प्रेस को पेपर कब भेजे गए. ये प्रेस को कैसे भेजे गये. पेपर के कितने सेट तैयार किये गए.

CJI-अगर हम पाते है कि पेपर लीक और पेपर होने में गैप ज़्यादा है तो फिर ये पूरे सिस्टम की ही गड़बड़ी है। हम इस पर स्पष्ठता चाहते है कि कि क्या ये सिस्टेमेटिक विफलता है या नहीं । क्या टेलीग्राम , व्हाट्सअप के जरिये पेपर लीक हुआ।

CJI - ये तो तय है कि पेपर लीक हुआ है। परीक्षा की गरिमा प्रभावित हुई है। हम इस पर स्पष्ठता चाहते है कि ये लीक कितने बड़े स्तर पर हुआ

CJI - अगर पेपर लीक और परीक्षा का अंतर ज़्यादा है तो दर्शाता है कि लीक बड़े पैमाने पर हुआ होगा। अगर हम धांधली का फायदा उठाने वाले को बाकी लोग से अलग नहीं कर पाते तो जाहिर है, ऐसी सूरत में फिर से परीक्षा करना ज़रूरी हो जाएगा।

CJI - हम ये समझते है कि 23 लाख छात्रो की फिर से परीक्षा कराना इतना आसान नहीं है। इसलिए हम इन बिंदुओं पर स्पष्टता चाहते है

CJI- हम ये जानना चाहते है कि कितने ऐसे कैंडिडेट्स है जिन्होंने पेपर लीक का फायदा उठाया। NTA और केंद्र सरकार ने ऐसे लोगों की शिनाख्त के लिए क्या कदम उठाए है

CJI- ऐसे कैंडिडेट की पहचान करने की ज़रूरत है , उनके लिए सख्त होने की ज़रूरत है जिन्होंने इस गड़बड़ी का फायदा उठाया

CJI - हम ये जानना चाहते है कि जिन्हें पेपर लीक का फायदा हुआ है , क्या वो एक ही राज्य के है या अलग अलग राज्य के है

CJI - हम ये जानना चाहते है कि क्या ऐसे लोगो जिन्हें फ्रॉड का फायदा मिला है, क्या हम उनकी शिनाख्त कर पाए है या ये प्रकिया अभी भी जारी है।

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