भारत शांति चाहता है, लेकिन अगर कोई हमारी संप्रभुता पर हमला करता है, तो हम उसका डटकर जवाब देंगे। जब प्रधानमंत्री मोदी ने 2015 में लाहौर में नवाज़ शरीफ़ से मुलाकात की थी, तो यह शांति की एक कोशिश थी, लेकिन जब पाकिस्तान ने एक साल बाद इस शांति भंग की, तो हमने 2016 में सर्जिकल स्ट्राइक से जवाब दिया।

आतंकवाद की भाषा खून और गोलियों की होती है, बातचीत की नहीं। इसका जवाब उसी तरह दिया जाना चाहिए। बातचीत आतंकवाद का जवाब नहीं हो सकती।जो लोग भारत को हज़ार ज़ख्म देने का सपना देखते हैं, उन्हें जाग जाना चाहिए। यह नरेंद्र मोदी का भारत है।

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