हमारे प्रधानमंत्री दुनिया के लगभग हर देश की यात्रा कर चुके हैं, लेकिन वे संसद में नहीं आते, जबकि हमारे पास विदेश सेवा से एक व्यक्ति मंत्री के रूप में है। यहाँ तक कि पाकिस्तान के भी दो देश समर्थन कर रहे थे। उनमें से, हमारे पास कौन था? क्या यही आपकी विदेश नीति है? कोई हमारा साथ क्यों नहीं दे रहा? क्या आप अपनी कूटनीति में नाकाम नहीं हुए? हमारा कोई भी पड़ोसी हमारे साथ क्यों नहीं खड़ा हुआ?
आपने अपने दोस्त के लिए (एक विदेशी देश से) एक सौदा भी हासिल कर लिया, जो दुर्भाग्य से कांग्रेस नहीं कर पाई, लेकिन आपने भारत के लिए क्या हासिल किया?
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