डीएमके सांसद तिरुचि शिवा का कहना है कि अगर सदन के नेता को सदन में बोलने का लोकतांत्रिक अधिकार है, तो विपक्षी सांसदों को भी बोलने और अपनी बात कहने का लोकतांत्रिक अधिकार है। शिवा ने बताया कि जिन कर्मियों की मौजूदगी पर खड़गे ने आपत्ति जताई, वे वास्तव में सीआईएसएफ के थे, न कि नियमित संसद सुरक्षा कर्मचारियों से।
शिवा ने कहा कि सिर्फ़ इसलिए कि उपसभापति ने सीआईएसएफ कर्मियों को सदन में रहने की अनुमति दी, उन्हें संसद सुरक्षा कर्मचारी या मार्शल नहीं कहा जा सकता।हरिवंश ने शिवा की बात बीच में ही रोक दी और सदन की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
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