देश को इस बजट से कुछ भी नहीं मिला
"मेरी अपेक्षा थी कि यह बजट इस चक्रव्यूह की ताकत को कमजोर करेगा, यह बजट इस देश के किसानों की मदद करेगा, इस देश के युवाओं की मदद करेगा, इस देश के मजदूरों, इस देश के छोटे व्यापारियों की मदद करेगा। लेकिन मैंने जो देखा है, वो ये है कि इस बजट का एकमात्र उद्देश्य इस ढांचे को मजबूत करना है - एकाधिकार व्यापार का ढांचा, एक राजनीतिक एकाधिकार का ढांचा जो लोकतांत्रिक ढांचे को नष्ट करता है और डीप स्टेट और एजेंसियों का ढांचा। इसका परिणाम ये हुआ है - जिन्होंने भारत को रोजगार दिया, छोटे और मध्यम व्यवसायों को, उन पर नोटबंदी, जीएसटी और टैक्स आतंकवाद के जरिए हमला किया गया..."
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