तमिलनाडु के डीजीपी वेंकटरमण ने स्पष्ट किया कि विजय के देर से आने से भीड़ का पूरा डायनामिक्स बदल गया। लोग सड़कों पर कतारों में खड़े होकर उनके काफिले के पीछे चलने लगे। नियंत्रित रैली अचानक एक अनियंत्रित जुलूस में बदल गई। उन्होंने कहा, जगह-जगह स्वतःस्फूर्त जश्न शुरू हो गया, जिससे भीड़ का आकार बढ़ा और भीड़ नियंत्रण पर दबाव पड़ा। विजय ने अपने भाषण में पुलिस की व्यवस्थाओं की सराहना की और कहा कि सुरक्षा इंतज़ाम बेहतर थे।

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