
कैब ड्राइवरों को करता था शिकार, हो जाता था नेपाल फरार, 24 साल बाद गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने अजय लाम्बा नामक एक भगोड़े अपराधी को गिरफ्तार किया है, जिस पर कैब चालकों की हत्या कर कार लूटने का आरोप है. व् जेल से जमानत पर छूटने के बाद फरार हो गया था.
Serial Killer: दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने 24 साल से फरार सीरियल किलर अजय लांबा को आखिरकार धर दबोचा है। लांबा, जिसने कैब ड्राइवरों को निशाना बनाया और उनके वाहनों को बेच दिया, चार हत्या व लूट के मामलों में वांछित था। पुलिस का दावा है कि लांबा उत्तराखंड जाने के लिए किराये पर गाड़ियां लेता और फिर ड्राईवर को नशीला पदार्थ देने के बाद उसकी हत्या कर कार लूट कर ले जाता था।
अपराध का तरीका: नशा, हत्या और फिर नेपाल में गाड़ी बिक्री
अजय लांबा और उसके साथी टैक्सी किराए पर लेते थे और उन्हें उत्तराखंड ले जाते थे। वहां पहुंचने पर वे ड्राइवर को नशीला पदार्थ देकर बेहोश करते, फिर उसका गला घोंटकर हत्या कर देते और शव को पहाड़ों में ठिकाने लगा देते थे ताकि कोई सबूत न बचे। हत्या के बाद, कैब को नेपाल में तस्करी करके बेच दिया जाता था। पुलिस उपायुक्त आदित्य गौतम ने बताया कि लांबा वर्ष 2001 में दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में कैब ड्राइवरों को निशाना बनाने वाले चार मामलों में शामिल था।
सिर्फ छठी कक्षा तक पढ़ा है आरोपी
48 वर्षीय लांबा दिल्ली का रहने वाला है और उसने केवल छठी कक्षा तक पढ़ाई की है। बाद में वह उत्तर प्रदेश के बरेली चला गया, जहां उसने धीरेंद्र और दिलीप नेगी के साथ मिलकर कैब ड्राइवरों की हत्याओं को अंजाम देना शुरू किया। लांबा के खिलाफ चोरी और अवैध हथियार रखने सहित कई अन्य मामले भी दर्ज हैं।
पुलिस जांच और लंबा का फरारी का सफर
पुलिस ने बताया कि अपराध शाखा की एक टीम तकनीकी और मैनुअल निगरानी के जरिए लांबा को ट्रैक कर रही थी। 2008 से 2018 तक वह नेपाल में रहा और उसके बाद अपने परिवार के साथ देहरादून चला गया। 2020 में, वह कथित तौर पर ओडिशा से भारत के अन्य हिस्सों, जिसमें दिल्ली भी शामिल है, तक गांजा तस्करी24 साल बाद सलाखों के पीछे सीरियल किलर अजय लांबा: कैब ड्राइवरों को करता था शिकार, गाड़ी बेचकर नेपाल में होता था गायब में शामिल हो गया। उसे हाल ही में 2021 में दिल्ली के सागरपुर पुलिस स्टेशन में एनडीपीएस अधिनियम के तहत दर्ज एक मामले में और 2024 में ओडिशा के बेहरामपुर में एक आभूषण की दुकान में डकैती के मामले में गिरफ्तार किया गया था। वह इन मामलों में जमानत पर था और उसने अपनी पिछली हत्याओं में संलिप्तता या फरार होने की स्थिति के बारे में कभी किसी को नहीं बताया।
पुलिस को संदेह है कि अजय लांबा और उसके गिरोह के सदस्य और भी हत्याओं में शामिल हो सकते हैं, क्योंकि चार पीड़ितों में से केवल एक कैब ड्राइवर का शव बरामद किया गया था। लांबा के गिरोह के दो सदस्यों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया है, और पुलिस अब उससे गहन पूछताछ कर रही है।