शिकायत करने गई थी लेकिन नहीं पता था, आर्मी अफसर के मंगेतर की आपबीती
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शिकायत करने गई थी लेकिन नहीं पता था, आर्मी अफसर के मंगेतर की आपबीती

ओडिशा में तैनातऑर्मी अफसर की मंगेतर ने पुलिसिया दुर्व्यवहार की शिकायत की है। कस्टडी के दौरान उसके साथ जिस तरह से बदसलूकी की गई वो दिल दहलाने वाली है।


खाकी का नाम सुनते ही लोग थाने जाने से कतराते हैं। गरीब, कमजोर शख्स तो अपने ऊपर अत्याचार को नियति मानकर चुपचाप बैठ जाता है। यह सच्चाई है जिसे देश का आम और खास हर शख्स जानता है फिर भी शिकायत दर्ज कराने के लिए पुलिस स्टेशन जाना पड़ जाता है। यहां जो हम बताने जा रहे हैं उसे सुनकर आप हैरत में पड़ जाएंगे कि क्या ऐसा हो सकता है। मामला ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर का है। आर्मी अफसर की मंगेतर ने अपनी दास्तां जिस तरह से सुनाई उससे आपकी रूह कांप जाएगी।

भुवनेश्वर में पुलिस के साथ कथित रूप से दुर्व्यवहार करने के आरोप में गिरफ्तार होने के कुछ दिनों बाद आर्मी अधिकारी की मंगेतर ने हवालात में अपने भयावह अनुभव को याद किया है, साथ ही आरोप लगाया है कि हिरासत में उसका यौन उत्पीड़न किया गया। प्रभारी निरीक्षक ने उसकी छाती पर लात मारी। इस आरोप के बाद भरतपुर पुलिस थाने के प्रभारी निरीक्षक सहित पांच पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। महिला को बुधवार को उड़ीसा उच्च न्यायालय ने जमानत दे दी थी और उसका इलाज एम्स-भुवनेश्वर में चल रहा है। पीड़िता ने मीडिया से बातचीत में आरोप लगाया कि 15 सितंबर को रात करीब 1 बजे उसे और उसके मंगेतर को कार सवार युवकों के एक समूह ने रोड रेज की घटना में घेर लिया जब वह अपनी दुकान बंद करके घर लौट रही थी।
जब वो अपने मंगेतर के साथ पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराने गई तो वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया और मदद करने के बजाय उनके साथ मारपीट भी की। जब वह एफआईआर दर्ज कराने पुलिस स्टेशन पहुंचीं तो नाइटी पहने एक महिला कांस्टेबल वहां मौजूद थी। सेना अधिकारी को लॉकअप में घसीटा गया। जब मैंने उसे यह बताने की कोशिश की कि मैं एक वकील हूँ और एफआईआर दर्ज करना उसका कर्तव्य है तो वह मुझ पर भड़क गई। कुछ ही देर बाद एक अन्य महिला अधिकारी और अन्य कर्मचारी गश्ती वाहन में पुलिस स्टेशन पहुंचे। उसने कहा कि इन पुलिसकर्मियों ने उसके मंगेतर से शिकायत लिखने के लिए कहा, लेकिन तुरंत उसे हिरासत में ले लिया।मुझे नहीं पता कि क्या हुआ, उन्होंने उसे लॉकअप में डाल दिया।जब मैंने आवाज़ उठाई कि वे सेना के किसी अधिकारी को हिरासत में नहीं रख सकते क्योंकि यह गैरकानूनी है तो दो महिला अधिकारियों ने मारपीट शुरू कर दी आईआईसी ने छाती पर लात मारी और पैंट उतार दी। महिला अधिकारियों ने उसे बालों से घसीटा और पीटा। उसने जवाबी कार्रवाई करने की कोशिश की और जब एक कर्मी ने उसका गला घोंटने की कोशिश की तो उसने उसके हाथ पर काट लिया।
उसने आरोप लगाया कि पुलिस कर्मियों ने उसके हाथ और पैर बांधकर उसे एक कमरे में डाल दिया।कुछ समय बाद, एक पुरुष अधिकारी ने दरवाज़ा खोला और मेरे स्तनों पर कई बार लात मारी। उसने मेरी और अपनी पैंट भी नीचे कर दी। उसने अपना प्राइवेट पार्ट दिखाते हुए मुझसे पूछा कि तुम कब तक चुप रहना चाहती हो। मामले की जांच कर रहे अतिरिक्त महानिदेशक, अपराध शाखा को दी गई अपनी शिकायत में सेना अधिकारी ने आरोप लगाया है कि उसकी मंगेतर को एक कमरे में घसीटा गया, कपड़े उतारे गए और स्टेशन के आईआईसी सहित चार पुरुष और तीन महिला पुलिसकर्मियों ने उसके साथ मारपीट की। उसने IE से कहा आईआईसी ने मेरी मंगेतर का यौन उत्पीड़न और छेड़छाड़ की और मैं 30 मिनट तक चीखें सुनता रहा।" उसने यह भी आरोप लगाया है कि जब वह शिकायत लिख रहा था, तो उसे चार पुलिस अधिकारियों ने एक सेल में घसीटा, जहां उन्होंने उसकी पैंट उतार दी और उसका बटुआ, फोन, सेना का पहचान पत्र और कार की चाबियां सहित उसका सामान ले लिया। सेना का हस्तक्षेप सेना के हस्तक्षेप के बाद जोड़े को रिहा कर दिया गया। मेजर को रिहा कर दिया गया और उसकी मंगेतर को मेडिकल चेकअप के लिए भेजा गया। सम अस्पताल में उसकी जांच के दौरान पता चला कि उसके साथ क्रूरता की गई थी मारपीट की गई।
एनसीडब्ल्यू ने लिया संज्ञान
घटना का स्वत: संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय महिला आयोग ने डीजीपी से कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है।एनसीडब्ल्यू ने एक्स पर पोस्ट किया, "डीजीपी को एक औपचारिक पत्र भेजा गया है, जिसमें 3 दिनों के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट मांगी गई है। तत्काल अनुशासनात्मक कार्रवाई की उम्मीद है।"इस बीच, चंदका पुलिस स्टेशन में अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया, जिन्होंने सेना अधिकारी और महिला के साथ दुर्व्यवहार किया।
आईआईसी, 4 अन्य निलंबित
आरोपों के मद्देनजर, ओडिशा पुलिस ने भरतपुर पुलिस स्टेशन के आईआईसी दीनाकृष्ण मिश्रा सहित पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है।अन्य निलंबित कर्मियों में एसआई बैसलिनी पांडा, एएसआई सलीममयी साहू, एएसआई सागरिका रथ और कांस्टेबल बलराम हांडा शामिल हैं।मामले की जांच कर रही क्राइम ब्रांच ने मिश्रा और कुछ अन्य अधिकारियों के खिलाफ सैन्य अधिकारी पर हमला करने और उसकी मंगेतर से छेड़छाड़ करने के आरोप में यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज किया है। विभाग ने घटना की रात दंपत्ति के साथ दुर्व्यवहार करने वाले युवकों की तलाश भी शुरू कर दी है। अपनी अधूरी शिकायत में सैन्य अधिकारी ने आरोप लगाया है कि तीन कारों में सवार होकर आए 10 से 12 बदमाशों ने पथरगड़िया इलाके के पास उनकी कार को रोक लिया और उन्हें और उनकी मंगेतर को गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी।


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