Baba Siddique Case: शूटर्स थे छात्र यू ट्यूब शिक्षक और विषय था गन चलाना
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Baba Siddique Case: शूटर्स थे छात्र यू ट्यूब शिक्षक और विषय था गन चलाना

बाबा सिद्दीकी केस में एक और खास जानकारी सामने आई है। बताया जा रहा है कि शूटर्स ने यू ट्यूब की मदद से बंदूक चलाने की शिक्षा ली थी।


Baba Siddique Case Update: हिंदी वर्णमाला में वैसे तो कई अक्षर हैं लेकिन यहां हम जिक्र करेंगे ब और ग की। ब से बंदूक, बदमाशी और बेहतरी तीनों शब्द होते हैं। चुनाव आप को करना है। ग से गोली, गन, गाली और गंभीरता। चुनाव आपको करना है। अब हिंदी वर्णमाला का जिक्र क्यों हो रहा है यह आप सोच रहे होंगे। दरअसल एनसीपी अजित पवार गुट के नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद आजकल ये शब्द चर्चा में है। इस केस की जांच मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच जांच कर रही है। तीन आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है हालांकि तीन अभी पुलिस की गिरफ्त से बाहर। इस हत्या के पीछे का मकसद क्या था अभी साफ नहीं है लेकिन कयासों का दौर जारी है। लॉरेंस बिश्नोई का नाता अब तक सिर्फ इतना है कि एक सोशल मीडिया पोस्ट वायरल हुआ जिसमें हैशटैग के रूप में लॉरेंस बिश्नोई नाम लिखा था। हालांकि पुलिस की तरफ से उसकी सत्यता जांची जा रही है। इन सबके बीच कुछ अहम जानकारी सामने आई है।

यू ट्यूब के जरिए ट्रेनिंग
बताया जा रहा है बाबा सिद्दीकी को मारने वाले शूटर्स ने हथियार चलाने की ट्रेनिंग यू ट्यूब से ली थी। शूटरों ने मुंबई के कुर्ला इलाके में एक किराए के घर में यूट्यूब पर वीडियो देखकर बंदूक चलाने की ट्रेनिंग ले रहे थे। मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने आरोपियों से पूछताछ के दौरान पाया कि फरार संदिग्ध शूटर शिवकुमार गौतम ने उत्तर प्रदेश में शादियों में जश्न मनाने के दौरान बंदूक चलाना सीखा था, एक अधिकारी ने कहा। गिरफ्तार आरोपियों - गुरमेल सिंह और धर्मराज कश्यप - से पूछताछ के दौरान यह भी पता चला कि गौतम को "मुख्य शूटर" के रूप में काम पर रखा गया था, क्योंकि उसे बंदूक चलाने की थोड़ी बहुत जानकारी थी।

गौतम ने कश्यप और गुरमेल सिंह को ट्रेन किया। गौतम ने कुर्ला में एक किराए के घर में शूटिंग का प्रशिक्षण दिया था जहां उन्होंने ड्राई प्रैक्टिस यानी बिना गोलियों के शूटिंग की थी। उन्होंने लगभग चार सप्ताह तक YouTube वीडियो देखकर हथियार लोड करना और उतारना सीखा, क्योंकि उन्हें अभ्यास के लिए खुली जगह नहीं मिल पाई थी। कथित सह-साजिशकर्ताओं में से एक शुभम लोनकर 24 सितंबर तक पुलिस रडार पर था, उसके बाद जून में उससे मुंबई में अप्रैल में अभिनेता सलमान खान के आवास के बाहर गोलीबारी की घटना के संबंध में पूछताछ की गई थी क्योंकि लॉरेंस बिश्नोई गिरोह की संलिप्तता का संदेह था।

लोनकर बंधु प्रमुख व्यक्ति

शुभम लोनकर को महाराष्ट्र के अकोला जिले के अकोट पुलिस स्टेशन में दर्ज आर्म्स एक्ट के एक मामले में जनवरी में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन बाद में उसे जमानत मिल गई। एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने उस मामले में दस से अधिक आग्नेयास्त्र बरामद किए थे।उन्होंने बताया कि शुभम लॉरेंस बिश्नोई के भाई अनमोल के साथ संपर्क में था।उसके बाद से वह पुलिस की रडार पर था, लेकिन 24 सितंबर को उसका पता नहीं चला।
आरोपी सोशल मीडिया ऐप के जरिए संपर्क करते थेउन्होंने बताया कि जांच के दौरान यह भी पता चला कि आरोपी व्यक्ति स्नैपचैट और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया ऐप का इस्तेमाल करके एक-दूसरे से संपर्क करते थे।उन्होंने बताया कि शुभम लोनकर को मोबाइल फोन ऐप की जानकारी है। सिद्दीकी की हत्या में शामिल सभी सदस्यों से इंस्टाग्राम के जरिए बात करने औरस्नैपचैट के जरिए चैट करने को कहा था ताकि निगरानी से बचा जा सके। उन्होंने बताया कि स्नैपचैट में एक ऐसा फीचर है जो अधिकांश संदेशों को देखे जाने या समाप्त होने के बाद स्वचालित रूप से हटा देता है।
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