Baba Siddique Case: गिरफ्त में ना होते हमलावर, लोगों ने मोबाइल चोर समझ पकड़ा
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Baba Siddique Case: गिरफ्त में ना होते हमलावर, लोगों ने मोबाइल चोर समझ पकड़ा

बाबा सिद्दीकी की हत्या के पीछे कौन मास्टर माइंड पता नहीं चल सका है। लेकिन हम आपको बताएंगे कि दो आरोपी कैसे पकड़े गए।


Baba Siddique Murder Case: बाबा सिद्दीकी मर्डर केस के मास्टर माइंड के बारे में पुख्ता जानकारी नहीं है। सिर्फ कयास ही लगाए जा रहे हैं। तीन आरोपी गिरफ्त में जबकि तीन फरार हैं। इस केस में मोहम्मद जीशान अख्तर को हैंडलर बताया गया है और वो कहीं मुंबई में ही छिपा है। लेकिन हम यहां कुछ और जानकारी देंगे। बाबा सिद्दीकी को मारने से पहले आरोपी पिछले एक महीने से रेकी कर रहे थे। 12 अक्टूबर को उन्हें अपने काम को अंजाम देने का सही मौका लगा। दरअसल विजयदशमी के दौरान रावण दहन होता है और पटाखों के शोर में उन्होंने मर्डर करना मुनासिब समझा। बता दें कि दो आरोपी जो पहले पकड़ में आए उन्हें पुलिस ने नहीं पकड़ा था। तब वो कैसे पकड़ में आए।

12 अक्टूबर को हुई थी हत्या

दरअसल विजदशमी के दिन बाबा सिद्दीकी अपने बेटे के दफ्तर गए थे। वहां उन्होंने पटाखे जलाए और कहीं निकलने के लिए अपनी कार तक आगे बढ़े। पहले से ही घात लगाए भी कार की तरफ बढ़े और 6 राउंड फायरिंग। फायरिंग की आवाज और बाबा सिद्दीकी के जमीन पर गिरते ही अफरातफरी का माहौल बना। मौके का फायदा उठाकर जब तीनों आरोपी भागने लगे तो कुछ लोगों की नजर पड़ी। उन्हें ऐसा लगा कि वो मोबाइल चोर हैं, मोबाइल चोर की आशंका में धर्मराज कश्यप और गुरमेल सिंह पकड़ा गया। बताया जाता है कि आरोपियों का मकसद पेपर स्प्रे के जरिए वारदात को अंजाम देना था। लेकिन तीसरा आरोप शिवा जो अभी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है उसने फायरिंग की ।

तीन आरोपी गिरफ्त में तीन फरार
यहां सवाल ये है कि जब पुलिस पुख्ता तौर पर लारेंस बिश्नोई गैंग का नाम नहीं ले रही है तो उसकी चर्चा क्यों हैं। दरअसल इसके पीछे तीन वजह है। पहला गुरमेल सिंह का पकड़ा जाना, दूसरा शुभम लोणकर जिसने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था। तीसरा हैंडलर मोहम्मज जीशान। पहले बात शुभम लोणकर की। इस शख्स के सोशल मीडिया हैंडल में दाऊद ब्राहिम, सलमान खान, हिंदू धर्म का जिक्र किए जाने के साथ लारेंस बिश्नोई को हैशटैग किया गया था। इससे अंदाज लगाया गया कि बिश्नोई गैंग का हाथ हो सकता है।
हालांकि पुलिस ने सोशल मीडिया पोस्ट के सत्य होने की पुष्टि नहीं की है। दूसरा मोहम्मद जीशान, इसे पंजाब की पुलिस ने हत्या के एक केस में पकड़ा था और दो साल बाद पटियाला जेल से रिहा होने के बाद मुंबई चला गया। अब लारेंस बिश्नोई का कार्यक्षेत्र पंजाब है लिहाजा इससे जोड़कर देखा जा रहा है। तीसरा शख्स गुरमेल सिंह है। गुरमेल सिंह मे एक शख्स की जान ले ली थी और जेल में बंद था। वो भी जमानत पर जेल से आजाद हुआ था। इस मामले में उसकी दादी का कहना है कि गुरमेल की जमानत किसने ली उसके बारे में जानकारी नहीं है।

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