पुणे पॉर्श काण्ड में नाबालिग चालक को तुरंत किया जाए रिहा: बॉम्बे हाई कोर्ट
बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा है कि बेशक ये दुर्घटना बेहद संवेदनशील थी, लेकिन इसका असर नाबालिग पर भी उतना ही पड़ा है. इसलिए उसे तुरंत रिहा किया जाए.
Pune Porsche Minor Bail: पुणे के बहुचर्चित पॉर्श कार दुर्घटना मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट ने नाबालिग आरोपी को तुरंत छोड़ने के आदेश दिए हैं. बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा है कि बेशक ये दुर्घटना बेहद संवेदनशील थी, लेकिन इसका असर नाबालिग पर भी उतना ही पड़ा है. इसलिए उसे तुरंत रिहा किया जाए. हाई कोर्ट ने नाबालिग की कस्टडी उसकी चाची को सौंपी है और कहा है कि वो उसके अभिभावक की भूमिका निभाएंगी. बता दें कि नाबालिग की चाची ने ही उसकी रिहाई के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका लगायी थी.
बॉम्बे हाई कोर्ट की जस्टिस भर्ती डांगरे और जस्टिस मंजूषा देश्पंदेय की डबल बेंच ने ये आदेश दिया. अदालत ने ये भी कहा कि जिस तरह से नाबालिग आरोपी की हिरासत को तीन बार बढाया गया, वो भी अवैध था. यही वजह रही कि हाई कोर्ट ने नाबालिग को तुरंत रिहा करने का आदेश सुनाया. इससे पहले मामले की सुनवाई करते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट की बेंच ने कहा है कि पीड़ितों के परिवार सदमे में हैं. लेकिन शराब के नशे में दुर्घटना करने वाला किशोर भी सदमे में है. कहीं न कहीं उसके दिमाग पर भी इसका असर पड़ा होगा.
क्या था पूरा मामला?
पुणे की ये बहुचर्चित घटना 19 मई की है, जब तेज रफ़्तार पॉर्श कार की चपेट में आने से बाइक सवार दो सॉफ्टवेयर इंजिनियर की मौत हो गयी थी. ये युवक युवती थे, जो एक ही बाइक पर जा रहे थे. टक्कर इतनी जोरदार थी कि बाइक पर सवार युवक और युवती कई फीट ऊपर उछल गए थे. इस मामले में शुरूआती जाँच के दौरान पुणे पुलिस ने आरोपी चालक को थाने से ही जमानत दे दी थी. वो नाबालिग था. लेकिन जब ये बात सामने आई कि वो नशे में धुत था और पार्टी करके दोस्तों के संग लौट रहा था, तो फिर पुणे की जनता में इस बात को लेकर काफी रोष देखने को मिला. मीडिया में भी ये मामला काफी उछला. जिसके बाद पुलिस ने नाबालिग के खिलाफ बालिग़ की तरह मामला चलाने का निर्णय लिया. इस बीच आरोपी के पिता व अन्य परिजनों ने आरोपी को बचाने के लिए कई तरह के हथकंडे अपनाए, जैसे ब्लड सैंपल बदलवाना आदि. यही वजह रही कि नाबालिग के माता-पिता, दादा के अलावा कुछ डॉक्टर आदि भी गिरफ्तार किये जा चुके हैं.