
दाहिने वाला ग्रैब डॉ उमर का है, जब वो तुर्कमान गेट इलाके में मस्जिद में गया था
डॉ उमर ही चला रहा था i20 कार, डीएनए रिपोर्ट से खुलासा
डॉ उमर की माँ और भाई के डीएनए रिपोर्ट और i20 कार में पाए गए शव की डीएनए रिपोर्ट मैच कर गयी है. इससे ये साफ़ हो गया है कि कार डॉ उमर ही चला रहा था.
I20 Car Blast : दिल्ली धमाका केस में जांच एजेंसियों को बड़ा सुराग मिला है। सूत्रों के मुताबिक, ब्लास्ट में मारे गए शख्स की पहचान उमर उन नबी के रूप में हो चुकी है। ब्लास्ट साइट से मिली हड्डियों, दांत और कपड़ों के टुकड़ों का डीएनए टेस्ट किया गया, जो उसकी मां और भाई से 100% मैच हुआ। यानि अब ये पक्का है कि i20 कार खुद उमर चला रहा था, और धमाके के वक्त वही उसमें मौजूद था।
एक रहस्यमय जिंदगी
उमर अपने परिवार से महीनों तक दूर रहता था। कभी फोन बंद, कभी लोकेशन गायब यही उसका पैटर्न था। वह अक्सर कहता, “मैं जरूरी काम में हूं, परेशान मत करना।” परिवार को उम्मीद थी कि वह सोमवार को घर आएगा, लेकिन उससे पहले दिल्ली धमाके की खबर आई।
धमाके से पहले मस्जिद गया, तीन घंटे कार में बैठा रहा
जांच में सामने आया कि धमाके से ठीक पहले उमर तुर्कमान गेट के पास की एक मस्जिद में गया था और वहां करीब 10 मिनट तक रुका। इसके बाद दोपहर 3:19 बजे लाल किला पार्किंग में दाखिल हुआ और 6:28 बजे निकला।
तीन घंटे से ज़्यादा समय तक वह वहीं कार में बैठा रहा न बाहर निकला, न किसी से बात की। कुछ मिनट बाद ही दिल्ली दहल उठी। इस ब्लास्ट में 9 लोगों की मौत और कई घायल हुए।
अंकारा से जुड़ा आतंकी नेटवर्क
जांच में खुलासा हुआ है कि उमर का सीधा कनेक्शन तुर्की के अंकारा से था। वह वहां बैठे एक हैंडलर से लगातार संपर्क में था जिसका कोडनेम था “UKasa”। एजेंसियों का कहना है कि उमर ‘Session’ ऐप के ज़रिए इस हैंडलर से बात करता था। मार्च 2022 में उमर समेत फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल के कुछ आरोपी अंकारा गए थे, जहां इनका ब्रेनवॉश किया गया और भारत लौटकर हमले की साजिश रची गई।
NIA तुर्की दूतावास से मांगेगी मदद
जांच के दायरे में अब अंतरराष्ट्रीय आतंकी नेटवर्क भी आ गया है। सूत्रों के मुताबिक, NIA जल्द तुर्की के दूतावास से औपचारिक सहयोग मांगने की तैयारी में है। मकसद है यह पता लगाना कि उमर नबी के हैंडलर UKasa के पीछे कौन-सा संगठन या नेटवर्क सक्रिय था।
जांच की आंच अब अल्फल्लाह यूनिवर्सिटी तक
फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल की जांच में अब अल-फलाह यूनिवर्सिटी का नाम भी सामने आया है। एजेंसियों ने यूनिवर्सिटी से डॉ. उमर, डॉ. मुजम्मिल, और डॉ. शाहीन शाहिदा से जुड़े सारे रिकॉर्ड मांगे हैं।
साथ ही मांगे गए हैं -
यूनिवर्सिटी की जमीन और ट्रस्ट से जुड़े दस्तावेज
सरकारी विभागों से मिली सभी NOC
बिल्डिंग प्लान, UGC और NMC से मिले प्रमाणपत्र
और यूनिवर्सिटी एक्ट की कॉपियां
अल-फलाह यूनिवर्सिटी का कैंपस करीब 54 एकड़ में फैला हुआ है।
जांच और गहराई तक जाएगी
NIA, दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल, और फरीदाबाद पुलिस मिलकर अब इस केस की हर परत खोल रही हैं। जांच एजेंसियों का फोकस अब उमर के अंतरराष्ट्रीय फंडिंग नेटवर्क, ऑनलाइन कम्युनिकेशन चैनल्स, और तुर्की कनेक्शन पर है। दिल्ली ब्लास्ट ने एक बड़े टेरर मॉड्यूल के नेटवर्क को उजागर किया है।

