कोलकाता रेप-मर्डर केस को गुमराह कर रहा संदीप घोष, पॉलिग्राफ टेस्ट के जवाब पाए गए भ्रामक!
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कोलकाता रेप-मर्डर केस को गुमराह कर रहा संदीप घोष, पॉलिग्राफ टेस्ट के जवाब पाए गए भ्रामक!

सीबीआई अधिकारियों ने खुलासा किया है कि कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के जवाब पॉलीग्राफ टेस्ट और लेयर्ड वॉयस एनालिसिस के दौरान भ्रामक पाए गए हैं.


Kolkata RG Kar Medical College Rape Murder Case: सीबीआई अधिकारियों ने खुलासा किया है कि कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के जवाब पॉलीग्राफ टेस्ट और लेयर्ड वॉयस एनालिसिस के दौरान भ्रामक पाए गए हैं.

9 अगस्त को अस्पताल में ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या की जांच कर रही सीबीआई ने आरोप लगाया है कि संदीप घोष को सुबह 9.58 बजे अपराध की सूचना मिली थी. लेकिन उन्होंने तुरंत पुलिस में शिकायत नहीं की. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने बाद में एक अस्पष्ट शिकायत की. उन्होंने आत्महत्या का एक नया सिद्धांत भी पेश किया.

सीबीआई ने कहा कि उन्होंने तुरंत एफआईआर दर्ज करवाने की कोशिश नहीं की, बल्कि आत्महत्या का एक नया सिद्धांत पेश किया, जो पीड़िता के शरीर पर दिखाई देने वाली बाहरी चोट के अनुसार संभव नहीं है. सीबीआई ने आरोप लगाया कि घोष ने 9 अगस्त को सुबह 10.03 बजे ताला पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी (ओसी) अभिजीत मंडल से संपर्क किया. अप्राकृतिक मौत का मामला सुबह 11.30 बजे दर्ज किया गया. मामले के सिलसिले में सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए गए मंडल को घटना की जानकारी 9 अगस्त को सुबह 10.03 बजे मिली. लेकिन वह तुरंत घटनास्थल पर नहीं पहुंचे.

सामान्य डायरी प्रविष्टि 542 में उल्लेख किया गया है कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की पीजी प्रशिक्षु का शव चेस्ट मेडिसिन के सेमिनार रूम में "बेहोशी की हालत" में पड़ा मिला. जबकि शव की जांच पहले ही एक डॉक्टर ने कर दी थी, जिसने पीड़िता को मृत पाया था. एजेंसी ने कहा कि सामान्य डायरी प्रविष्टि कथित तौर पर अस्पताल के अधिकारियों और अन्य अज्ञात व्यक्तियों के साथ साजिश में जानबूझकर गलत विवरण दर्ज करके की गई थी.

एजेंसी ने कहा कि एफआईआर दर्ज करने में मंडल की देरी और अपराध स्थल की सुरक्षा में विफलता ने महत्वपूर्ण सबूतों को नुकसान पहुंचाया. उन्होंने आरोपी संजय रॉय और अन्य लोगों को बचाने की कोशिश की, जिनकी अपराध स्थल तक अनधिकृत पहुंच थी. महिला का अस्पताल के सेमिनार हॉल के अंदर बलात्कार और हत्या कर दी गई थी. वह कमरे में आराम करने गई थी और उसका शव एक डॉक्टर ने हॉल में पाया था.

पुलिस ने वॉलिंटियर संजय रॉय को सीसीटीवी फुटेज के आधार पर अगले दिन गिरफ्तार किया गया. उन्हें सुबह 4.03 बजे कमरे में प्रवेश करते देखा गया. नई दिल्ली स्थित केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (सीएफएसएल) की रिपोर्ट में कहा गया है कि उनका बयान कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर भ्रामक पाया गया है. बता दें कि संदीप घोष और मंडल को शनिवार को गिरफ्तार किया गया. वित्तीय अनियमितताओं के मामले में घोष पहले से ही सीबीआई की हिरासत में थे.

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