
200 CCTV पर नजर और पकड़ में आरोपी, छत्तीसगढ़ जर्नलिस्ट केस में कामयाबी
Mukesh Chandrakar Murder: छत्तीसगढ़ के पत्रकार मुकेश चंद्राकर केस में बड़ी गिरफ्तारी हुई। पुलिस ने मास्टरमाइंड आरोपी सुरेश चंद्राकर को हैदराबाद से अरेस्ट किया है।
Mukesh Chandrakar Murder Case: कहते हैं कि ना तो गुनाह की उम्र लंबी होती है और ना ही कोई आरोपी कानून के फंदे से बच सकता है। वो कहीं ना कहीं कुछ ऐसे सुराग छोड़ जाता है जो उसकी गिरफ्तारी के लिए पर्याप्त अवसर देती है। छत्तीसगढ़ में पत्रकार मुकेश चंद्राकर मर्डर केस में ठेकेदार सुरेश चंद्राकर की गिरफ्तारी हैदराबाद से हो चुकी है। जिस समय आरोपी की गिरफ्तारी हुई वो उस वक्त हैदराबाद में अपने ड्राइवर के घर छिपा हुआ था। छत्तीसगढ़ के बस्तर इलाके में कुछ दिन पहले पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या हुई थी। पीड़ित परिवार ने ठेकेदार सुरेश चंद्राकर पर मर्डर केस में शामिल होने का आरोप लगाया था। ऐसा माना जा रहा है कि सुरेश ही मास्टरमाइंड है यानी कि हत्या का ताना बाना उसने ही बुना था।
'ड्राइवर के घर छिपा था आरोपी'
छत्तीसगढ़ पुलिस के मुताबिक सुरेश चंद्राकर (Accused Suresh Chandrakar) हैदराबाद में अपने ड्राइवर के घर पर छिपा हुआ था। उसे ट्रैक करने के लिए पुलिस ने 200 सीसीटीवी फुटेज की जांच की और करीब 300 मोबाइल नंबरों का पता लगाया। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि पुलिस फिलहाल चंद्राकर से पूछताछ कर रही है। चंद्राकर की पत्नी को भी छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले से हिरासत में लिया गया है और उससे पूछताछ की जा रही है।मुकेश चंद्राकर का शव पिछले हफ्ते छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में ठेकेदार के शेड में सेप्टिक टैंक में मिला था।
मुकेश को आखिरी बार नए साल के दिन बीजापुर के पुजारी पारा (Mukesh Chandrakar Murder) में अपने घर से निकलते हुए देखा गया था। जब वह वापस नहीं लौटे, तो पत्रकार के भाई युकेश ने अगले दिन गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई। जांच शुरू करने के बाद, पुलिस को 32 वर्षीय चंद्राकर का शव छतन पारा बस्ती में मिला जो उनके घर से बहुत दूर नहीं है। मामले में चंद्राकर के दो रिश्तेदारों सहित तीन लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है। उनके चचेरे भाई रितेश चंद्राकर (Accused Ritesh Chandrakar) को शनिवार को रायपुर हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया गया, जबकि सुपरवाइजर महेंद्र रामटेके और पीड़ित के एक अन्य रिश्तेदार दिनेश चंद्राकर को बीजापुर से हिरासत में लिया गया।
1 जनवरी से गायब थे मुकेश
मुकेश चंद्राकर 1 जनवरी से गायब थे। 2 जनवरी की रात तक मुकेश का कुछ पता नहीं चला तो भाई युकेश चंद्राकर सीधे पुलिस स्टेशन पहुंचे और रिपोर्ट दर्ज कराई। रिपोर्ट दर्ज होते ही पुलिस ने मामले की गंभीरता को देख बड़े अधिकारियों को सूचना दी. जिसके बाद तुरंत साइबर सेल, बड़े अधिकारी और जवानों को उनकी तलाश में लगाया गया था। मुकेश चंद्राकर (Mukesh Chandrakar Murder Case) के सभी मोबाइल नंबर बंद आ रहे थेआखिरी लोकेशन नृकनपाल और जांगला सेक्टर की थी जो भैरमगढ़ की ओर है। पुलिस सचेत हुई और पत्रकार समेत टीम के साथ वहां पर पहुंचीं. लेकिन कोई सुराग नहीं मिला।
कैसे मामला सुलझा
पुलिस ने इस मामले की जांच में एआई और OSINT जैसे आधुनिक तकनीकी उपकरणों का इस्तेमाल किया था। आरोपियों से चारपहिया वाहन, ठेकेदारी की मिक्सर मशीन और दूसरे सामानों की बरामदगी हुई थी। 100 से ज्यादा कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) का विश्लेषण किया गया है। SIT टीम ने मामले से जुड़े सभी सबूतों को कानूनी प्रक्रिया के तहत सुरक्षित रख लिए हैं। आरोपियों की धरपकड़ के लिए ओडिशा पुलिस, महाराष्ट्र, तेलंगाना की भी मदद ली गई थी।
क्या था मामला
आरोपी सुरेश चंद्राकर सड़क बनाने का ठेकेदार था। पत्रकार मुकेश चंद्राकर ने जब सड़क निर्माण में गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार के मामले को उठाया तो वो भड़क गया। शुरुआत में आरोपी सुरेश चंद्राकर मुकेश पर हर तरह के दबाव बनाता रहा कि वो इस मामले को ना उठाए। लेकिन जब मुकेश (Chhattisgarh Journalist Mukesh Chandrakar) ने मना कर दिया तो वो आगबबूला हो गया। छत्तीसगढ़ पुलिस के मुताबिक मुकेश एक जनवरी को लापता हो गए थे और तीन जनवरी को उनका शव आरोपी की संपत्ति में बने सेप्टिक टैंक में मिला था। एसआईटी (Chhattisgarh Police SIT) की जांच में जो बात निकल कर सामने आई उसके मुताबिक मुकेश चंद्राकर और सुरेश चंद्राकर रिश्तेदार भी थी। लेकिन अनबन थी। खासतौर से सड़क निर्माण से संबंधित खबर के प्रकाशित होने के बाद सुरेश चंद्राकर (Accused Suresh Chandrkar)) की नाराजगी बढ़ी और उसने अपने भाइयों के साथ मिलकर मुकेश को रास्ते से हटाने की ठानी। पहले लोह की रॉड से हमला कर मार डाला और शव को सेप्टिक टैंक में डाल दीवार चुनवा दी।