पूजा खेडकर की मां मनोरमा के घर से पुलिस ने की पिस्तौल और गोलियां बरामद
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पूजा खेडकर की मां मनोरमा के घर से पुलिस ने की पिस्तौल और गोलियां बरामद

पुणे पुलिस ने विवादित प्रोबेशनरी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर की मां मनोरमा खेडकर के घर से एक पिस्तौल और तीन गोलियां जब्त की हैं.


Manorama Khedkar: पुणे पुलिस ने विवादित प्रोबेशनरी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर की मां मनोरमा खेडकर के घर से एक पिस्तौल और तीन गोलियां जब्त की हैं. बता दें कि खेडकर ने महाराष्ट्र में किसानों के एक समूह को धमकाने के लिए इस बंदूक का इस्तेमाल किया था.

मनोरमा को गुरुवार (18 जुलाई) को रायगढ़ जिले में हिरासत में लिया गया था, जब एक वीडियो सामने आया था, जिसमें वह एक ज़मीन विवाद को लेकर बंदूक लहराते और ग्रामीणों को धमकाते हुए दिखाई दे रही थीं. वायरल फुटेज से लोगों में आक्रोश पैदा कर दिया, जिसके वीडियो में दिख रही एसयूवी को भी ज़ब्त कर लिया गया.

खेडकर पर हत्या के प्रयास सहित कई आरोप हैं. वीडियो में उसे एक किसान के साथ तीखी बहस करते हुए दिखाया गया है, जिसमें वह जमीन के दस्तावेज दिखाने की मांग कर रही है, जिसके बारे में उसका दावा है कि वह उसके नाम पर है. जैसे-जैसे तनाव बढ़ता गया, उसने धमकी भरे अंदाज में बंदूक लहराई. लेकिन जब उसे एहसास हुआ कि उसका वीडियो बनाया जा रहा है तो उसने उसे तुरंत छिपा दिया. यह घटना उनकी बेटी पूजा खेडकर, जो 2023 बैच की प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी हैं, से जुड़े विवाद के तुरंत बाद हुई है. पूजा हाल ही में तब सुर्खियों में आईं, जब पुणे के कलेक्टर सुहास दिवासे ने महाराष्ट्र की मुख्य सचिव सुजाता सौनिक को पत्र लिखकर बताया कि उनकी कई मांगें उनके प्रोबेशन के दौरान उनके अधिकार से बाहर थीं.

खुलासों की सीरीज

इस शिकायत के बाद कई खुलासे हुए, जिसमें यह सवाल भी शामिल था कि उसने यूपीएससी चयन प्रक्रिया को कैसे पास किया? आरोप सामने आए कि उसने शारीरिक विकलांगता और ओबीसी उम्मीदवारी के लिए छूट का लाभ धोखाधड़ी से उठाया. इसके परिणामस्वरूप उसके दो साल के प्रशिक्षण पर रोक लगा दी गई और एक केंद्रीय पैनल द्वारा उसके चयन की जांच की गई. वहीं, मनोरमा खेडकर पर अपने पति और तीन अन्य लोगों के साथ मिलकर पुणे के मुलशी तहसील के धडवाली गांव में 65 वर्षीय पंढरीनाथ पासलकर को जमीन विवाद को लेकर बंदूक दिखाकर धमकाने का आरोप है. यह घटना 4 जून को हुई थी.

प्रभावशाली, राजनीतिक रूप से सक्रिय

एफआईआर में भारतीय दंड संहिता की धारा 307 को शामिल करने को उचित ठहराते हुए अभियोजन पक्ष ने अदालत को बताया कि आरोपी ने शिकायतकर्ता के सिर पर बंदूक तान दी थी और वह ट्रिगर दबाने ही वाला था कि वह डर के मारे झुक गया और अन्य लोगों ने उसे रोक लिया. पुलिस ने आरोपी को "प्रभावशाली और राजनीतिक रूप से सक्रिय" बताते हुए हथियार को जब्त करने और मामले में शामिल अन्य संदिग्धों का पता लगाने के लिए हिरासत में लेकर पूछताछ करने की बात कही थी.

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