मुरैना में हत्यारोपी की पुलिस हिरासत में मौत, कांग्रेस ने बताया दलित अत्याचार
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मुरैना में हत्यारोपी की पुलिस हिरासत में मौत, कांग्रेस ने बताया दलित अत्याचार

विपक्षी कांग्रेस ने दावा किया कि मृतक दलित था और पुलिस पर अनुसूचित जाति के लोगों को निशाना बनाने का आरोप लगाया


Atrocities Against Dalit: मध्य प्रदेश के मुरैना में पुलिस हिरासत में मौत का मामला सामने आया है, जिसके बाद राज्य की राजनीती भी गरमा गयी है. दरअसल पुलिस ने हत्या के आरोप में 31 वर्षीय एक व्यक्ति को हिरासत में लिया था, जो तड़के लॉकअप के अन्दर फांसी पर लटका मिला. ये व्यक्ति अनुसूचित जाति से था, जिसके बाद राज्य में विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने पुलिस और सरकार पर दलितों पर अत्याचार करने का आरोप लगाया है. वहीँ पुलिस इसे आत्महत्या बताया है. वहीँ सरकार ने इस मामले में न्यायिक जाँच के आदेश दे दिए हैं, साथ ही तीन पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है.


साले की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था
उप-विभागीय मजिस्ट्रेट भूपेंद्र सिंह कुशवाह ने पीटीआई-भाषा को बताया कि मृतक का नाम बाल्क्रिशन जाटव उर्फ़ सनी था. सुबह करीब साढ़े पांच बजे सिविल लाइंस थाने के लॉकअप के अंदर खिड़की से बंधे कपड़े से बालकृष्ण जाटव उर्फ सनी का शव लटका मिला, जिसके बाद इसकी जानकारी वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को दी गई. उन्होंने बताया कि मूल रूप से ग्वालियर निवासी सनी को अपने साले की हत्या के आरोप में शनिवार को गिरफ्तार किया गया था. सनी के साले का शव पिछले साल दिसंबर में एक नहर के पास मिला था.

सनी के परिवार का आरोप चार दिन पहले पकड़ कर ले गयी थी पुलिस
वहीँ सनी के परिजनों का आरोप है कि सनी को पुलिस ने शनिवार को नहीं बल्कि चार दिन पहले सनी को पकड़ा था लेकिन कागजों में शनिवार दिखाया है. परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने सनी के साथ क्रूरता की है और इसीका नतीजा है कि उसकी मौत हो गयी. सनी के परिवार और परिचितों द्वारा उसकी मौत के मामले में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन के बाद पुलिस स्टेशन के आसपास भारी पुलिस बल तैनात किया गया है.

न्यायिक जाँच हो रही है डॉक्टरों का पैनल कर रहा है पोस्टमार्टम

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) अरविंद ठाकुर ने बताया कि घटनास्थल का दौरा करने के बाद पुलिस अधीक्षक समीर सौरभ ने हिरासत में मौत के मामले में थाना प्रभारी निरीक्षक रामबाबू यादव, एक हेड कांस्टेबल और एक कांस्टेबल को निलंबित कर दिया गया है. प्रथम दृष्टया यह आत्महत्या का मामला प्रतीत होता है. ठाकुर ने कहा कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार एक न्यायिक मजिस्ट्रेट हिरासत में हुई मौत की जांच करेंगे. उन्होंने कहा, "मृतक का पोस्टमार्टम डॉक्टरों के एक पैनल द्वारा किया जा रहा है. जो भी साक्ष्य सामने आएंगे, उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी."
ठाकुर ने बताया कि सनी का आपराधिक रिकॉर्ड है और उसके खिलाफ विभिन्न पुलिस थानों में चार से पांच मामले दर्ज हैं.

कांग्रेस ने पुलिस और सरकार को बताया दलित विरोधी
इस बीच, कांग्रेस ने इस घटना को लेकर मुरैना के पुलिस अधीक्षक को बर्खास्त करने की मांग की है. एमपी कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर ट्वीट करते हुए लिखा, "क्या एमपी में दलित होना अपराध है? कटनी के बाद एक और दलित पुलिस के निशाने पर आ गया है." जीतू पटवारी ने पुलिस हिरासत में एक दलित महिला और उसके पोते की कथित पिटाई का जिक्र किया, जिसका वीडियो इस सप्ताह वायरल होने के बाद सामने आया. उस मामले में भी एक महिला पुलिस अधिकारी और अन्य पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की गई थी. पटवारी ने सवाल किया कि भाजपा सरकार डॉ. बीआर अंबेडकर की विचारधारा वाले लोगों के खिलाफ इतनी नफरत क्यों पाल रही है?
पटवारी ने धमकी दी कि अगर मुरैना एसपी को बर्खास्त नहीं किया गया और पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज नहीं किया गया तो वो अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठ जाएंगे. इस घटना को लेकर कांग्रेस नेता जीतू पटवारी ने मृतक के बड़े भाई से फोन पर बात की.

(शीर्षक को छोड़कर, इस कहानी को फेडरल स्टाफ द्वारा संपादित नहीं किया गया है और एक सिंडिकेटेड फीड से स्वतः प्रकाशित किया गया है।)


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