30 लाख रूपये की डकैती की दी सूचना, मामला निकला साढ़े 3 करोड़ का
पुलिस ने लगभग 1 सप्ताह बाद 6 लोगों को गिरफ्तार कर 1 करोड़ 15 लाख रूपये किये बरामद दिल्ली के गुलाबी बाग़ थाना इलाके में एक ट्रांसपोर्टर के ऑफिस से लूटी गयी रकम, पूर्व और वर्तमान कर्मचारियों की मिली भगत से दिया गया था वारदात को अंजाम
3.5 crore Daoity: दिल्ली पुलिस ने राजधानी में एक ट्रांसपोर्ट कंपनी के दफ्तर में हुई साढ़े 3 करोड़ की डकैती की वारदात को सुलझाने का दावा किया है. पुलिस ने इस मामले में 6 लोगों को गिरफ्तार किया है. दिलचस्प बात ये है कि जिस दिन इस वारदात को अंजाम दिया गया, उस दिन शिकायतकर्ता ने लुटी गयी रकम 30 लाख रूपये बताई थी, लेकिन जब जांच आगे बढ़ी तो पुलिस को मालूम हुआ कि असल में लूट का ये मामला 10 गुना से भी ज्यादा बढ़ा है. पुलिस का कहना है कि वारदात को अंजाम देने में 11 लोग शामिल थे. गिरफ्तार आरोपियों के पास से 1 करोड़ 15 लाख रूपये बरामद किये गए हैं. अभी भी 2 करोड़ 85 लाख रूपये रूपये की वसूली बाकी है.
ये हैं आरोपी
आरोपियों की पहचान सराय काले खां निवासी प्रमोद तोमर, मुरैना मध्यप्रदेश अंकुश तोमर, कैलाश चौहान, उपेन्द्र कुमार, सराय काले खां निवासी शानू अली उर्फ मंगल पांडे और फैसल को गिरफ्तार कर लिया है. इनके पांच साथियों सचिन गुप्ता, तंजीम, रंजन, बादल और नरेश की तलाश की जा रही है.
पूर्व ड्राईवर और मौजूदा कर्मचारी ने लीक की थी कैश की जानकारी
गिरफ्तार आरोपियों में शामिल उपेन्द्र कुमार और कैलाश चौहान इस पूरी वारदात के मुख्य साजिशकर्ता में से एक हैं. उपेन्द्र कुमार ट्रांसपोर्ट कंपनी का पूर्व ड्राईवर है, जबकि कैलाश चौहान इस ट्रांसपोर्ट कंपनी में वर्तमान में नौकरी कर रहा था. इन दोनों को मालूम था कि कंपनी के ऑफिस में करोड़ों रूपये कैश रहता है. इन दोनों ने अपने दो साथियों प्रमोद तोमर और अंकुश को इस बारे में बताया, जिसके बाद चारों ने मिलकर लूट की साजिश रची.
11 जुलाई को दिया था वारदात को अंजाम
पुलिस के अनुसार ये वारदात 11 जुलाई की है. गुलाबी बाग़ थाना क्षेत्र के किशनगंज इलाके में एक ट्रांसपोर्ट कंपनी के कार्यालय में नकदी लूट की पीसीआर कॉल पुलिस को मिली. पुलिस को पता चला कि रात लगभग 10:45 बजे 7-8 नकाबपोश बदमाश बंदूकें और चाकू लेकर बीकानेर असम रोडलाइन्स इंडिया लिमिटेड के दफ्तर में घुसे और कैश लूटकर फरार हो गए. मामले की शिकायत श्री देव करण आंचलिया ने की, जिसके आधार पर पुलिस ने FIR दर्ज की. गौर करने वाली बात ये है कि FIR में रकम सिर्फ 30 लाख रूपये ही लिखवाई गयी. लेकिन जब जांच आगे बढ़ी तो मालूम हुआ कि असल में साढ़े 3 करोड़ रूपये लूटे गए थे.
सीसीटीवी कैमरों से मिला सुराग
पुलिस का कहना है कि वारदात वाली जगह और आस पास में लगे सीसीटीवी कैमरों की फूटेज खंगाली गयी. यहाँ पुलिस को कई कारें दिखीं लेकिन उनमें से दो कार संदिग्ध प्रतीत हुईं. जब उन कार के नम्बर से जानकारी ली गयी तो वो एक ही व्यक्ति के नाम पर रजिस्टर्ड पायी गयी, जिससे संदेह और बढ़ गया. अब इनकी तलाश शुरू की गयी. दोनों कार प्रमोद के नाम पर थी, जिसमें से एक आई10 और दूसरी हौंडा सिविक. पुलिस ने तकनिकी जाँच से आरोपियों की पहचान करने के बाद उतराखंड, मध्यप्रदेश, हरियाणा, यूपी आदि जगहों पर रेड कर आरोपियों को गिरफ्तार किया.
नन्द नगरी के फ्लैट में बांटी थी रकम, अलग अलग हुए थे फरार
पुलिस का कहना है कि इन बदमाशों ने वारदात को अंजाम देने के बाद लूट की रकम बांटने के लिए उत्तर-पूर्वी दिल्ली के नन्द नगरी इलाके में स्थित एक फ्लैट का रुख कियां. वहां पर रकम का हिस्सा बाँट किया और फिर सब अलग अलग फरार हो गए.
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