गठजोड़ अब सिर्फ राजनीति में ही नहीं बल्कि गैंग्स के बीच भी

बदमाशों ने बनाया देश के ज्यादा से ज्यादा हिस्से पर वर्चस्व कायम करने का फार्मूला लॉरेंस बिश्नोई और दविंदर बम्बिहा गैंग वर्चस्व के लिए बना रहे हैं गठजोड़


दुश्मन का दुश्मन, दोस्त! की नीति को ध्यान में रख कर करते हैं अलायन्स

अभी देश में चुनाव का माहौल है और इस दौरान अलग-अलग राजनीतिक दल एक दूसरे से तालमेल बैठा कर गठजोड़ कर रहे हैं. मकसद है देश की सत्ता पर काबिज होना और उसी को ध्यान में रखते हुए गठजोड़ बनाए जा रहे हैं. ठीक इसी तरह से अब बदमाश भी एक दूसरे के साथ गठजोड़ स्थापित करते हुए देश के ज्यादा से ज्यादा हिस्से पर अपने वर्चस्व को स्थापित करना चाह रहे हैं. यही कारण है की राजधानी दिल्ली और उत्तर भारत के कुछ राज्यों में सक्रिय अलग-अलग गैंग एक दूसरे के साथ अलायन्स कर रहे हैं. इसकी वजह से राजधानी दिल्ली समेत उत्तर भारत में गैंगवार की घटनाएं बड़ी हैं, एक्सटॉर्शन जैसे मामले भी बढ़े हैं.

गैंगवार की घटनाएं बढ़ी

अपराध जगत के इस अनैतिक गठजोड़ की वजह से बीते कुछ वर्षों से राजधानी दिल्ली में गैंगवार और अलग-अलग गैंग पनपने का सिलसिला शुरू हो चुका है. ऐसा नहीं है कि ये सिलसिला बीते कुछ सालों में शुरू हुआ हो. गैंग बनने का सिलसिला पहले भी था लेकिन अब इसका चलन तेजी से बड़ा है. बीते चार-पांच सालों की बात करें तो राजधानी दिल्ली में गैंगवार और एक्सटॉर्शन के मामलों में इजाफा हुआ है. फिलहाल उत्तर भारत में लॉरेंस बिश्नोई/काला जठेड़ी गैंग और देवेंदर बंबीहा/नीरज बवानिया गैंग के बीच वार चल रही है.

क्या है गठजोड़ का फार्मूला

एक कहावत है दोस्त का दुश्मन, दशमन और दुश्मन का दुश्मन, दोस्त. अपराधियों के बीच होने वाले गठजोड़ का फार्मूला भी यही है अलग-अलग गैंग इस बात का ध्यान रखते हैं कि किस गैंग की दुश्मनी किसके साथ है और फिर दुश्मन के दुश्मन से ही गैंग हाथ मिला लेते हैं.

जेल के अंदर से शुरू हुआ अलायन्स

दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल और क्राइम ब्रांच के सूत्र यह बताते हैं अलग-अलग गैंग के बीच होने वाले गठजोड़ की शुरुआत जेल के अंदर से हुई. सूत्रों का दावा है कि नीरज बवानिया की मुलाकात टिल्लू गैंग के सरगना टिल्लू से मुलाकात हुई थी. टिल्लू की दुश्मनी गोगी गैंग से चल रही थी और इन दोनों गैंग के बीच गैंगवार भी जारी थी. दोनों गैंग एक दूसरे के कई साथियों को मार चुके थे. ये देखते हुए गोगी गैंग ने काला जठेड़ी और लॉरेंस बिश्नोई के साथ गठजोड़ कर लिया.

किस गैंग का किसके साथ है गठजोड़

अलग अलग गैंग के बीच गठजोड़ हुआ है. इनमें अधिकतर गैंग दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और उत्तर-प्रदेश के हैं.

गठजोड़ 1- दविंदर बम्बिहा( पंजाब), नीरज बवाना(दिल्ली), टिल्लू(दिल्ली), कौशल चौधरी(गुरूग्राम), छेनू पहलवान( यमुनापार, दिल्ली)

गठजोड़ 2- लॉरेंस बिश्नोई(पंजाब), काला जठेड़ी(हरियाणा), गोगी(दिल्ली), आनंदपाल(राजस्थान), हाशिम बाबा(यमुनापर, दिल्ली)

एक दूसरे के लिए करते हैं काम

पुलिस सूत्रों के अनुसार ये गैंग गठजोड़ बनाने के बाद एक दूसरे के सहयोग से काम कर रहे हैं. जो गैंग जिस क्षेत्र में मजबूत है वो उसे क्षेत्र में अपने सहयोगी गैंग के लिए काम करता है, चाहे फिर किसी की जान लेनी हो या फिर एक्सटॉर्शन करना हो.

केन्द्रीय गृहमंत्रालय ने एनआईए को लगाया इन गैंग पर नकेल कसने के लिए

बीते कुछ वर्षों में जिस तरह से राजधानी दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में इन गैंग के बीच जो गैंगवार हुई है या जिस तरह से इन गैंग ने अपना आतंक फैलाने का काम किया है, उसे केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी काफी गंभीरता से लिया है. यही वजह भी है कि दोनों ही गठजोड़ वाले गैंग के मुख्य बदमाशों पर यूएपीए एक्ट के तहत कार्रवाई की है. यही नहीं अधिकतर बदमाशों को जेल में भी डाला गया है.डाली

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