दिल्ली कार धमाका: डॉक्टर मॉड्यूल की साजिश का कानपुर और नेपाल कनेक्शन
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दिल्ली कार धमाका: डॉक्टर मॉड्यूल की साजिश का कानपुर और नेपाल कनेक्शन

एनआईए जांच में पता चला है कि डॉक्टर मोड्यूल के कुछ लोग धमाके से एक घंटा पहले तक आरोपी उमर के संपर्क में थे, नेपाल के फोन और कानपुर के सिम कार्ड से संपर्क कर रहा था पूरा मॉड्यूल.


Delhi Car Blast : दिल्ली में लाल किले के सामने हुए धमाके की जांच जैसे जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे वैसे कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं. पहले ही इस मामले में कानपुर लिंक सामने आ चुका है, लेकिन अब ये लिंक और गहरा गया है. अब इस मामले में नेपाल लिंक भी सामने आ गया है. इस पूरी साजिश में शामिल आरोपी नेपाल से ख़रीदे गए सेकंड हैंड मोबाइल फ़ोन का इस्तेमाल कर रहे थे और उसके लिए सिम कानपुर से ख़रीदे गए थे. जांच एजेंसियों को ये भी पता चला है कि धमाके में शामिल आतंकियों और उनका साथ देने वाले डॉक्टरों के बीच धमाके से ठीक एक घंटे पहले तक लगातार संपर्क बना हुआ था.

सूत्रों के अनुसार डॉ परवेज (जो गिरफ्त में आई डॉ शाहीन के भाई हैं), हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ आरिफ और डॉ फारूक अहमद डार धमाके से एक घंटे पहले तक उमर से बात कर रहे थे, वही उमर जिसने लाल किले के पास कार उड़ाई थी. यह भी सामने आया है कि गिरफ्तार होने से पहले डॉ शाहीन और डॉ मुजम्मिल आठ नवंबर की सुबह तक सीधे उमर के संपर्क में थे. जांच में यह भी स्पष्ट हुआ कि धमाके की प्लानिंग दो अक्टूबर को शुरू हुई थी और इसे अट्ठाईस अक्टूबर को अंतिम रूप दिया गया.

छह सिम कार्ड कानपुर से खरीदे गए

जांच में पता चला है कि ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए सात सेकेंड हैंड मोबाइल फोन नेपाल से लाए गए थे. कुल सत्रह सिम कार्ड इस्तेमाल हुए जिनमें से छह कानपुर से खरीदे गए थे. इनमें से दो सिम कार्ड बेकनगंज की एक आईडी पर लिए गए थे. इसी सुराग के आधार पर सुरक्षा एजेंसियां कानपुर में कार्रवाई कर रही हैं. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने बेकनगंज में कपड़े की दुकान चलाने वाले उस्मान से छह घंटे पूछताछ भी की क्योंकि वह डॉ परवेज का साला है. हालांकि पुलिस को कोई अहम जानकारी हाथ नहीं लगी.
डॉ परवेज के कानपुर आने जाने के दौरान कर्नलगंज, जी एस वी एम मेडिकल कॉलेज, बाबूपुरवा और मंधना में अपने दोस्तों से मिलने की जानकारी भी सामने आई है. यह भी पुष्टि हुई है कि डॉ शाहीन अक्टूबर में कानपुर आई थीं.

आरोपी आमिर राशिद अली दस दिन की रिमांड पर

एनआईए ने इस मामले में एक और आरोपी आमिर राशिद अली को सोमवार को अदालत में पेश किया. अदालत ने आमिर को दस दिन की पुलिस रिमांड में भेज दिया है. धमाके में इस्तेमाल की गई आई बीस कार आमिर के नाम पर ही रजिस्टर्ड थी. पेशे से प्लंबर आमिर पर आरोप है कि वह धमाके की प्लानिंग में शामिल था.
दस नवंबर को लाल किले के पास विस्फोटकों से भरी कार में हुए धमाके में तेरह लोगों की मौत हुई थी और कई लोग घायल हुए थे. कार को जम्मू कश्मीर के पुलवामा के रहने वाले डॉक्टर उमर नबी चला रहा था. उमर उसी आतंकवादी मॉड्यूल का हिस्सा था जिसे जांच एजेंसियों ने सफेदपोश मॉड्यूल नाम दिया है. इस मॉड्यूल का भंडाफोड़ तब हुआ जब हरियाणा के फरीदाबाद से दो हजार नौ सौ किलोग्राम विस्फोटक बरामद किया गया.


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