यूपीएससी छात्र की मौत हादसा नहीं हत्या ! लिव इन पार्टनर बॉय फ्रेंड संग गिरफ्तार
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रामकेश मीणा और अमृता चौहान की फाइल फोटो 

यूपीएससी छात्र की मौत हादसा नहीं हत्या ! लिव इन पार्टनर बॉय फ्रेंड संग गिरफ्तार

दिल्ली के तिमारपुर में यूपीएससी अभ्यर्थी की हत्या करने के बाद शव को जलाकर इसे हादसा साबित करने का प्रयास किया गया. तीन हफ्ते बाद खुला हत्या का राज, सीसीटीवी फुटेज और फोन लोकेशन से सुलझी गुत्थी.


Murder OF UPSC Aspirant : उत्तर दिल्ली के तिमारपुर इलाके में तीन हफ्ते पहले आग लगने की एक घटना के बाद मिले झुलसे शव के मामले में पुलिस ने एक सनसनीखेज हत्या का पर्दाफाश किया है। मृतक का नाम रामकेश मीणा(32) था, जो यूपीएससी की तैयारी कर रहा था। जांच में खुलासा हुआ कि रामकेश मीणा की हत्या उसकी 21 वर्षीय लिव-इन पार्टनर ने अपने पूर्व प्रेमी और एक दोस्त के साथ मिलकर की थी। पुलिस ने दावा किया कि इस वारदात की वजह वो निजी वीडियो थे, जिन्हें रामकेश ने युवती के कहने के बावजूद डिलीट नहीं किये थे। अब पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।


आग, लाश और उठते सवाल
पुलिस के अनुसार ये घटना 6 अक्टूबर की रात की है। तिमारपुर के गांधी विहार इलाके में पुलिस को आग लगने की सूचना मिली। मौके पर पहुंची टीम ने आग पर काबू पाया और चौथी मंजिल के एक फ्लैट से एक जला हुआ शव बरामद किया गया। बाद में शव की पहचान राजस्थान निवासी रामकेश मीणा के रूप में हुई, जो सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए दिल्ली में रह रहा था।
परिवार ने मामले पर संदेह जताया, जिसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की। इमारत के सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए तो कई चौंकाने वाले दृश्य सामने आए। फुटेज में दो लोग चेहरा ढककर इमारत में दाखिल होते दिखे। कुछ देर बाद उनमें से एक बाहर निकल जाता है और थोड़ी देर में एक पुरुष और एक महिला बिल्डिंग से निकलते हैं।
महिला की पहचान अमृता चौहान के रूप में की गयी, जो रामकेश की लिव-इन पार्टनर थी। इसके तुरंत बाद ही फ्लैट में आग लग जाती है। फोन लोकेशन से भी यह पुष्टि हुई कि अमृता उस समय घटनास्थल के पास थी। इस आधार पर पुलिस ने हत्या की धारा जोड़ दी और साजिश की गहराई से जांच शुरू की।

गिरफ्तारी और पूछताछ में खुला राज
उत्तरी जिला पुलिस के डीसीपी राजा बांठिया ने बताया कि घटना के बाद से ही अमृता ने अपना मोबाइल बंद कर लिया था। लगातार छापेमारी के बाद पुलिस ने 18 अक्टूबर को उसे गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में उसने दो अन्य आरोपियों के नाम बताए, अपने पूर्व प्रेमी सुमित कश्यप और दोस्त संदीप कुमार। पुलिस ने 21 अक्टूबर को सुमित और 23 अक्टूबर को संदीप को गिरफ्तार कर लिया।
अमृता ने बताया कि वह इस साल मई में रामकेश से मिली थी और दोनों के बीच संबंध बन गए थे। दोनों गांधी विहार के फ्लैट में साथ रहने लगे। इसी दौरान रामकेश ने अमृता के निजी वीडियो रिकॉर्ड किए और उन्हें हार्ड डिस्क में सेव कर लिया। अमृता ने उनसे वीडियो डिलीट करने को कहा, लेकिन वह टालता रहा। इस पर अमृता ने अपने एक्स-बॉयफ्रेंड सुमित को सब बताया, जो गुस्से में आ गया। दोनों ने मिलकर रामकेश को रास्ते से हटाने की योजना बनाई ताकि यह घटना हादसे की तरह लगे।

एलपीजी सिलिंडर में आग लगाने की साजिश से हत्या को हादसे में करना था तब्दील
पुलिस ने बताया कि सुमित एलपीजी गैस सिलेंडर सप्लाई के काम से जुड़ा था और उसे पता था कि सिलेंडर कब और कैसे फट सकता है। वहीं, अमृता फॉरेंसिक साइंस की छात्रा थी और अपराध विषयक वेब सीरीज़ देखकर उसने यह योजना और बारीकी से बनाई। साजिश में उनका तीसरा साथी बना संदीप कुमार।

कैसे दिया गया वारदात को अंजाम
पुलिस के अनुसार, 5 अक्टूबर की रात तीनों तिमारपुर के फ्लैट पर पहुंचे। सुमित और संदीप ने पहले रामकेश की पिटाई की और फिर उसका गला दबाकर हत्या कर दी। इसके बाद उन्होंने शव पर तेल, घी और शराब डालकर उसे जलाने की तैयारी की। सुमित ने किचन से गैस सिलेंडर निकाला और शव के सिर के पास रखकर नॉब खोल दी ताकि गैस कमरे में भर जाए।
तीनों ने वहां से जाने से पहले रामकेश के दो लैपटॉप, हार्ड डिस्क और अन्य सामान ले लिया। फिर सुमित ने लाइटर से आग लगाई और दरवाजा बाहर से बंद कर दिया। करीब एक घंटे बाद सिलेंडर में विस्फोट हुआ और पूरा फ्लैट जलकर खाक हो गया।
लेकिन उनकी सावधानी के बावजूद सीसीटीवी फुटेज ने पूरी साजिश का राज खोल दिया। पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल हार्ड डिस्क और अन्य सामान बरामद कर लिया है। आरोपियों के दो मोबाइल फोन भी जब्त किए गए हैं।

अपराधी कितना भी शातिर क्यों न हो सबूत छोड़ ही जाता है
पुलिस का कहना है कि इस वारदात ने एक बार फिर से उस कहावत को चरितार्थ कर दिया जिसमें कहा जाता है कि अपराधी कोई न कोई सबूत छोड़ ही जाता है और पुलिस उस तक पहुँच जाती है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपियों ने वारदात को हादसे का रूप देने की पूरी कोशिश की थी, लेकिन सीसीटीवी फुटेज और फोन लोकेशन ने उनकी योजना विफल कर दी। तीनों आरोपियों को रिमांड पर लेकर उनसे और पूछताछ की जा रही है।


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