साइबर अपराधियों का नया तरीका: व्हाट्सएप पर सीईओ/एमडी बन कर रहे हैं ठगी
IFSO के डीसीपी डॉ हेमंत कुमार तिवारी का कहना है कि तीन मामलों में शिकायत दर्ज की गयी है, जिसमें लगभग 7 करोड़ रूपये ठगे गए हैं. दिल्ली पुलिस आम जनता की जागरूकता के लिए इन नए तरीकों को सामने रख रही है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग ऐसे ठगों का शिकार होने से बच पायें
Awareness For Cyber Crime : साइबर अपराधियों ने कंपनियों को निशाना बनाने का नया तरीका अपनाया है। हालिया मामलों में अपराधियों ने खुद को कंपनी के सीईओ, एमडी या मालिक के रूप में पेश कर व्हाट्सएप के जरिए करोड़ों रुपये की ठगी को अंजाम दिया है। पिछले दो हफ्तों में दिल्ली पुलिस की साइबर शाखा (IFSO) में इस तरह के तीन मामलों की शिकायतें आयीं हैं, जिनमें 7 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी हुई। पुलिस का कहना है कि जल्द ही इन मामलों को सुलझा लिया जायेगा. लेकिन सबसे ज्यादा जरुरी है सतर्क रहना है सावधान रहना।
कैसे करते हैं ठगी?
जालसाज कंपनी के अधिकारियों की तस्वीरें और विवरण वेबसाइट या सोशल मीडिया से लेकर व्हाट्सएप पर फर्जी अकाउंट बनाते हैं। वे अकाउंटेंट या वित्तीय शाखा के कर्मचारियों से संपर्क कर आपातकालीन स्थितियों का हवाला देकर तुरंत फंड ट्रांसफर करने का अनुरोध करते हैं।
मामलों का विवरण
1. ₹1.15 करोड़ की ठगी:
एक कंपनी के अकाउंट मैनेजर को "नई परियोजना" के लिए ₹1.15 करोड़ ट्रांसफर करने का निर्देश दिया गया। जालसाज ने कंपनी के लोगो और एमडी की फोटो का इस्तेमाल कर व्हाट्सएप अकाउंट बनाया।
2. ₹4.96 करोड़ का नुकसान:
सीएफओ को "सरकारी अनुबंध" के लिए दो किस्तों में ₹1.96 करोड़ और ₹3 करोड़ ट्रांसफर करने का निर्देश मिला। फंड ट्रांसफर की तुरंत मांग ने उन्हें संदेह करने का मौका नहीं दिया।
3. ₹90 लाख की ठगी:
एक प्रतिष्ठित कंपनी के अकाउंटेंट को "जरूरी बैठक" के नाम पर ₹90 लाख ट्रांसफर करने को कहा गया।
पुलिस का अलर्ट:
साइबर अपराधियों द्वारा इस नई तकनीक के बारे में अलर्ट जारी करते हुए पुलिस ने कंपनियों को सावधान रहने की सलाह दी है। IFSO के डीसीपी डॉ हेमंत तिवारी का कहना है कि धोखाधड़ी का एक नया और चिंताजनक चलन पुलिस के सामने आया है, जिसमें धोखेबाज़ खुद को कंपनी का सीईओ/एमडी/मालिक बताकर व्हाट्सऐप पर फर्जी प्रोफाइल बनाते हैं और कंपनी के अकाउंटेंट से संपर्क कर उन्हें आपातकालीन/असाधारण स्थिति का हवाला देकर पैसे ट्रांसफर करने के लिए धोखा देते हैं। पिछले 10 दिनों में आईएफएसओ में कुल तीन मामले सामने आए हैं। फिलहाल पीड़ितों के विवरण साझा नहीं किया जा रहा है। इस जानकारी का उद्देश्य आम लोगों में जागरूकता पैदा करना है ताकि उनके स्तर पर एहतियात बरता जा सके। साइबर ठग लगातार नई तरीकों का इस्तेमाल कर कंपनियों और व्यक्तियों को निशाना बना रहे हैं। सतर्कता और मजबूत सुरक्षा उपाय ही इन खतरों से बचने का सबसे प्रभावी तरीका है।
सावधानी बरतें:
1. सत्यापन:
किसी भी फंड ट्रांसफर अनुरोध को सत्यापित करें। सीधे संबंधित अधिकारी से वैकल्पिक नंबर पर संपर्क करें।
2. क्रॉस-चेकिंग:
किसी भी आपातकालीन अनुरोध को संसाधित करने से पहले उच्च अधिकारियों से जांच कर लें।
3. आंतरिक नियंत्रण:
फंड ट्रांसफर के लिए बहु-स्तरीय अनुमोदन लागू करें।
4. जागरूकता सत्र:
कर्मचारियों को संदिग्ध संदेशों की पहचान करने और उन्हें तुरंत रिपोर्ट करने के लिए प्रशिक्षित करें।
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