रेलवे पुलिस के डीसीपी कमल पल सिंह मल्होत्रा ने बताया कि दोनों घटनाओं का खुलासा CCTV विश्लेषण, तकनीकी निगरानी और फील्ड इंटेलिजेंस की मदद से किया गया। इस कार्रवाई को रेलवे यूनिट, दिल्ली पुलिस की एक बड़ी उपलब्धि बताया जा रहा है।
पहला मामला: गुजरात–दिल्ली इंटरस्टेट गैंग, सराय रोहिल्ला स्टेशन से गिरफ्तार 70 लाख की रिकवरी
डीसीपी मल्होत्रा के अनुसार पहले गिरोह का संबंध पालिताना/भावनगर (गुजरात) से था। आरोपी महिलाएँ दिल्ली में अस्थायी तौर पर किराए के कमरों में रहती थीं और चोरी के बाद तुरंत अपना ठिकाना बदल लेती थीं ताकि पुलिस को चकमा दे सकें। इस गिरोह को लिफ्ट के अंदर चोरी करने में महारत थी।
कैसे पकड़ में आई गैंग?
इस मामले में ASI शंभूनाथ और ASI नरेंद्र की टीम, इंस्पेक्टर ललित (SHO, सराय रोहिल्ला रेलवे स्टेशन) और ACP संजय भारद्वाज की निगरानी में इस केस की जाँच कर रही थी। टीम ने 100 से ज्यादा CCTV फुटेज खंगाले, चोरी के समय भीड़ का पैटर्न स्टडी किया और फिर तकनीकी और मानवीय खुफिया जानकारी को जोड़कर मुख्य आरोपी शीतल उर्फ़ अनु को गिरफ्तार कर लिया।
लिफ्ट में कैसे होती थी चोरी?
महिला यात्रियों के साथ लिफ्ट में प्रवेश करती
एक सदस्य द्वारा बातचीत या धक्का-मुक्की करते हुए वहां अफरातफरी जैसा माहौल बनाया जाता था
दूसरी महिला द्वारा पर्स के अंदर से गहने या कीमती वस्तु निकाल ली जाती थी
चोरी का सामान शॉल या सीक्रेट स्टिच पॉकेट्स में छिपा लिया जाता था
घटना के तुरंत बाद किराए का कमरा बदलन लिया जाता या फिर गुजरात लौट जाया जाता था
पुलिस ने इस गैंग से 70 लाख रुपये के गहने और घड़ियां बरामद की हैं। लिफ्ट में से इस गैंग ने ताजा वारदात में जो सामान चोरी किया था, उसकी १०० प्रतिशत रिकवरी की है।
दूसरा मामला: दिल्ली आधारित एस्केलेटर गैंग, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार - 30 लाख की रिकवरी
डीसीपी केपीएस मल्होत्रा के अनुसार दूसरा गिरोह दिल्ली के आनंद पर्वत के फरीदपुरी कैंप से संचालित किया जा रहा था, जहाँ कई महिलाएं बार-बार चोरी के मामलों में पहले भी पकड़ी जा चुकी हैं। इस गिरोह को एस्केलेटर पर चोरी करने की विशेष ट्रेनिंग और अनुभव है, खासकर वृद्ध महिला यात्रियों को निशाना बनाने में।
इंस्पेक्टर विश्वनाथ पासवान (SHO, NDLS) के नेतृत्व में ASI कुलदीप और ASI सतीश की टीम ने बड़े पैमाने पर CCTV फुटेज खंगाले और फील्ड में गोपनीय जानकारी जुटाई। इसके बाद चार महिलाओं को आनंद पर्वत–फरीदपुरी कैंप क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया।
एस्केलेटर पर टारगेटिंग का तरीका
पहले यात्रियों के बैग, चलने की शैली और बैग पकड़ने के तरीके से अंदाज़ा लगाया जाता कि किसके पास गहने हो सकते हैं
वृद्ध महिलाएं या वे महिलाएं जो अपना बैग बार-बार चेक करती हैं, उन्हें ख़ासतौर से टारगेट किया जाता था
एस्केलेटर पर चढ़ते समय बेहद नज़दीक होकर पर्स खोला जाता और उस महिला को चारों तरफ से भीड़ के रूप में घेर लिया जाता, जिससे वो समझ न पाए कि आखिर हो क्या रहा है
भीड़ और मूवमेंट की आड़ में गहने निकालकर तुरंत पीछे हट जाना
एक आरोपी लक्ष्मी के खिलाफ पहले से 13 आपराधिक मामले दर्ज हैं। इस गैंग से 30 लाख रुपये के गहने बरामद कर लिए गए।
कुल रिकवरी: 1 करोड़ रुपये का चोरी का सामान
रेलवे पुलिस ने दोनों मामलों में पूरा चोरी किया हुआ माल बरामद कर लिया।
गुजरात गैंग: ₹70 लाख
आनंद पर्वत गैंग: ₹30 लाख
कुल: ₹1,00,00,000
पुलिस के मुताबिक ऐसी 100% रिकवरी दुर्लभ है और यह जांच की तेज़ी और समन्वय का बड़ा उदाहरण है।
यात्रियों के लिए पुलिस की सलाह
महिला यात्रियों के लिए पुलिस की महत्वपूर्ण सलाह
लिफ्ट और एस्केलेटर पर पर्स हमेशा सामने रखें
बैग की ज़िप बंद रखें और बार-बार चेक न करें
बहुत नज़दीक खड़े अजनबियों से सतर्क रहें
भीड़भाड़ में अपना बैग पीछे न लटकाएँ
बड़ी मात्रा में जेवर लेकर यात्रा न करें
किसी भी संदिग्ध हरकत की 112 पर तुरंत सूचना दें
दिल्ली रेलवे पुलिस का कहना है कि वह महिलाओं की सुरक्षा के लिए लगातार तकनीक, CCTV और इंटेलिजेंस का उपयोग बढ़ा रही है।