बेटे की चाह में तीन दिन की जुड़वाँ बच्चियों को मौत के घाट उतारने वाला पिता गिरफ्तार
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बेटे की चाह में तीन दिन की जुड़वाँ बच्चियों को मौत के घाट उतारने वाला पिता गिरफ्तार

देश में बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ का नारा पिछले 10 सालों से दिया जा रहा है. सालों से तमाम तरह के अभियान सिर्फ इस बात के लिए चलाये जा रहे हैं कि बेटा - बेटी एक समान.


Twins Daughter Murder: देश में बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ का नारा पिछले 10 सालों से दिया जा रहा है. सालों से तमाम तरह के अभियान सिर्फ इस बात के लिए चलाये जा रहे हैं कि बेटा - बेटी एक समान. लेकिन इन सबके बावजूद भी देश की राजधानी दिल्ली से एक रूह कापा देने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक पिता ने दूध मुही जुड़वाँ बेटियों की हत्या कर दी. दोनों बच्चियां महज तीन दिन की थीं. जैसे ही आरोपी की पत्नी को इसका पता चला तो वो मौके से फरार हो गया और फिर पुलिस को इसकी जानकारी दी गयी. जिसके बाद क्राइम ब्रांच ने आरोपी को रोहतक से गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी का नाम नीरज सोलंकी है, जो पूठ कलां का रहने वाला है.


क्या है मामला

पुलिस को 3 जून को इस मामले की सुचना मिली कि दो नवजात जुड़वाँ बच्चियों को शमशानघाट में दफना दिया गया है और शक है कि उनकी हत्या की गयी है. कॉलर ने पुलिस को ये भी बताया कि इन बच्चियों का पिता बेटी नहीं चाहता था और एक साथ दो बेटी पैदा होने से काफी नाराज था. पुलिस मौके पर पहुंची, जिसके बाद शमशान घाट पहुंची. दोनों बच्चियों के शवों को बहार निकालने के लिए एसडीएम से अनुमति ली गयी. इसके बाद दोनों बच्चियों के शवों को पोस्टमोर्टम के लिए भिजवाया गया, जिसमें दोनों बच्चियों की मौत का करना दम घुटना बतया गया.

नीरज सोलंकी हो गया था फरार

पुलिस का कहना है कि बच्चियों का पिता नीरज सोलंकी मौके से फरार हो गया था. उसकी तलाश में कई जगह छापेमारी की गयी थी. उसने पुलिस को बताया कि वो रोहतक फरार हो गया था. इसके बाद उसने अपना फ़ोन भी स्विच ऑफ कर दिया और वो सिम और मोबाइल फोन भी बदलता रहा. इसके बाद क्राइम ब्रांच ने उसे सांपला, रोहतक से गिरफ्तार कर लिया.


नीरज के पिता को पहले ही कर लिया गया था गिरफ्तार

पुलिस का कहना है कि असल में नीरज की पत्नी ने रोहतक में बच्चियों को जन्म दिया था. लेकिन उसके ससुराल वाले इस बात से नाखुश थे. वो रोहतक पहुंचे और बहाने से दोनों बच्चियों और उनकी माँ को अपने साथ दिल्ली लाने लगे. रास्ते में ही नीरज ने अपनी गाडी का रास्ता बदल लिया. बच्चियां नीरज के साथ थी, जबकि नीरज की पत्नी यानी बच्चियों की माँ दूसरी गाडी में थी. नीरज के पिता भी इस पूरी साजिश में शामिल थे, पुलिस ने पहले ही उसके पिता को गिरफ्तार कर लिया था.

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