कोई कहता है रक्तबीज तो किसी के लिए लॉर्ड्स ऑफ ड्रग्स, कौन है हाजी सलीम
वो नशे का सौदागर है, उसे कुछ लोग लॉर्ड्स ऑफ ड्रग्स तो कुछ लोग रक्तबीज की संज्ञा देते हैं। नाम हाजी सलीम है जिसके खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है।
Haji Salim News: इस समय देश में ड्रग्स के खिलाफ भारत में अभियान जोरशोर से चलाया जा रहा है। गृहमंत्री अमित शाह भी साफ कर चुके हैं कि ड्रग्स कॉर्टेल को तोड़ने के लिए सरकार किसी तरह का ढील नहीं देगी। अगर वो ऐसा कहते हैं तो उसके पीछे ठोस वजह भी है। पंजाब, राजस्थान के सीमावर्ती इलाकों में जिस तरह से नशे का कारोबार फलफूल रहा है, भारत का युवा वर्ग नशे की चपेट में आ रहा है उसे देखते हुए कई स्तरों पर चिंता भी जताई गई है। अगर आप ने उड़ता पंजाब फिल्म देखी हो तो खतरे को महसूस कर सकते हैं। इन सबके बीच एक शख्स का हाजी सलीम का नाम सामने आया है जिसे लॉर्ड ऑफ ड्रग्स कहा जाता है। वो कौन है, कहां रहता है उसके बारे में विस्तार से बताएंगे।
ऑपरेशन सागर मंथन
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने वांछित तस्कर हाजी सलीम के नेटवर्क को तोड़ने के लिए 'ऑपरेशन सागर मंथन' के तहत एक बड़ा अभियान शुरू किया। अधिकारियों के मुताबिक हाजी सलीम उर्फ हाजी बलूच का दुनिया के अलग अलग हिस्सों में सिंडिकेट है। भारत में इस सिंडिकेट पर नकेल कसने के लिए गृह मंत्री अमित शाह ने कड़े निर्देश दिए थे। इस अभियान के तहत, अधिकारियों ने सलीम के कार्टेल से सीधे जुड़े लगभग 4,000 किलोग्राम अवैध ड्रग्स जब्त किए हैं। इस बरामदगी के सिलसिले में कई पाकिस्तानी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया है। अधिकारियों का कहना है कि हाजी सलीम का आपराधिक नेटवर्क पाकिस्तान से लेकर भारत तक है यही नहीं वो कई और देशों में नशे के रैकेट को चला रहा है।
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के उप महानिदेशक ज्ञानेश्वर सिंह ने एएनआई से बात करते हुए कहा कि हाजी सलीम दुनिया के सबसे बड़े ड्रग तस्करों में से एक है, जो एशिया, अफ्रीका और पश्चिम में फैले एक जटिल नेटवर्क के माध्यम से हेरोइन, मेथामफेटामाइन और अन्य अवैध नशीले पदार्थों की बड़ी खेप की आपूर्ति करता है। उसका एक बहुत बड़ा नेटवर्क है। वह लंबे समय से हमारे रडार पर है, लेकिन इस मामले में, मैं हाजी सलीम या किसी और के नाम पर टिप्पणी नहीं करना चाहूंगा क्योंकि जांच अभी भी बहुत शुरुआती चरण में है।
वैश्विक स्तर पर कारोबार
सलीम कथित तौर पर एक बड़े तस्करी सिंडिकेट का सरगना है जो भारत, मॉरीशस, श्रीलंका और मालदीव सहित कई देशों में बड़ी मात्रा में नशीले पदार्थों की तस्करी के लिए जिम्मेदार है। संयुक्त राज्य अमेरिका, मलेशिया, ईरान, श्रीलंका, मॉरीशस, न्यूजीलैंड और अफगानिस्तान सहित कई अंतरराष्ट्रीय कानून प्रवर्तन एजेंसियां उसकी तलाश में हैं।उन्होंने कहा, "वह हिंद महासागर क्षेत्र में सबसे वांछित ड्रग सरगनाओं में से एक है। उसके ऑपरेशन बहुत बड़े हैं और उसके तस्करी सिंडिकेट का पैमाना बेमिसाल है। सलीम का नेटवर्क नार्को-आतंकवाद गतिविधियों से जुड़ा है जो क्षेत्र को अस्थिर करता है। उसकी ड्रग्स न केवल समाज के लिए खतरा हैं, बल्कि सीमाओं के पार आतंकी अभियानों को भी वित्तपोषित करती हैं।
2015 में सिंडिकेट के बारे में पता चला
अधिकारियों के अनुसार हाजी सलीम के ड्रग सिंडिकेट का पहली बार 2015 में पता चला था। केरल के तट के पास कई करोड़ रुपये की ड्रग्स की एक बड़ी खेप पकड़ी गई थी। इसके बाद, एनसीबी अधिकारियों ने पिछले ढाई सालों में ही अनुमानित 40 हजार करोड़ रुपए के ड्रग्स जब्त की। उन्होंने कहा कि गिरफ्तारी और जब्ती के बावजूद सलीम ने अवैध रूप से अपने ऑपरेशन जारी रखे जिसके कारण उसे वैश्विक ड्रग व्यापार में रक्तबीज उपनाम मिला। सलीम के सिंडिकेट द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली प्रमुख रणनीतियों में से एक है समुद्र के रास्ते ड्रग्स की तस्करी, जिसमें अक्सर अपने माल की पहचान के लिए विशेष रूप से चिह्नित शिपमेंट का उपयोग किया जाता है। जब्त किए गए शिपमेंट पर 777, 555, 999, फ्लाइंग हॉर्स और बिच्छू जैसे चिह्न वाली ड्रग्स लगातार पाई गई हैं जिससे उन्हें सलीम के नेटवर्क से संबंधित माना जाता है।
खुफिया सूत्रों के अनुसार सलीम की शिपमेंट अक्सर ईरान से शुरू होती है, जो अफगानिस्तान और मलेशिया से होते हुए श्रीलंका पहुँचती है। फिर ड्रग्स को छोटे जहाजों में स्थानांतरित किया जाता है जो नशीले पदार्थों को ज्यादातर रात में भारतीय तट पर ले जाते हैं और बंदरगाहों और समुद्र तट स्थानों पर उतरते हैं।अधिकारियों का दावा है कि हाजी सलीम का भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम से करीबी संबंध है क्योंकि उसे कथित तौर पर दाऊद की हवेली में प्रवेश करते और बाहर निकलते देखा गया था। सूत्रों ने कहा कि अधिकारियों के पास एक पुरानी तस्वीर और कराची, पाकिस्तान में एक पते के अलावा कोई अन्य जानकारी नहीं है जो कथित तौर पर इब्राहिम के ठिकाने के पास है।