जानिये ईडी की उस शक्ति को जिसके तहत किया आप विधायक अमानातुल्लाह को गिरफ्तार
ईडी के पास पीएमएए एक्ट ऐसी शक्ति है जिसके तहत वो इनपुट और वित्तीय अपराध में शामिल किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकती है. इस एक्ट की धारा 45 इस शक्ति और बढ़ा देती है, जिससे आरोपी को जमानत पाने में काफी कठिनाई साबित होती है.
PMLA Act 45: आम आदमी पार्टी के विधायक अमनातुल्लाह खान को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है. उनके खिलाफ दिल्ली वक्फ बोर्ड में वित्तीय अनियमितताओं का आरोप है, जिसकी वजह से ईडी ने मनी लौन्डरिंग एक्ट के तहत ये कार्रवाई की है. वहीँ अमनातुल्लाह की गिरफ्तारी के बाद आम आदमी पार्टी ने ईडी और बीजेपी दोनों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. जानते हैं की आखिर वो कौनसी ऐसी शक्ति है जिसके तहत ईडी संत्री हो या मंत्री किसी को भी गिरफ्तार कर सकती है.
मनी लौन्डरिंग की धारा 45
ईडी की जिस शक्ति की हम बात कर रहे हैं वो है मनी लौन्डरिंग की धारा 45. कानून के जानकारों के अनुसार प्रिवेंशन ऑफ़ मनी लौन्डरिंग एक्ट ( पीएमएलए ) की धारा 45 ही ऐसा शास्त्र है, जो ईडी को असीम शक्ति प्रदान करती है. इस धारा के तहत ईडी बड़ी से बड़ी शख्सीयत को भी गिरफ्तार कर सकती है. इस धारा के तहत गिरफ्तार व्यक्ति को जल्द जमानत नहीं मिल पाती है. जमानत पाने के लिए आरोपी के सामने सबसे बड़ी शर्त इस बात को लेकर होती है कि अदालत के सामने खुद को प्रथमदृष्टिया निर्दोष साबित कर सके. दूसरा ये कि अदालत को ये विश्वास दिला सके कि जमानत पर रहते हुए वो गवाहों को प्रभावित नहीं करेगा न ही कोई अपराध करेगा.
आरोपी के सामने सबसे बड़ी चुनौती इस बात को लेकर होती है कि उसे ये साबित करना होता है कि उसका अपराध से कोई लेना देना नहीं है, अगर वो ये साबित नहीं कर पता तो सिर्फ जमानत से ही नहीं बल्कि ईडी द्वारा सील किये गए उसका बैंक खाते या संपत्ति भी फंसी रह जाती है.
इन हालातों के तहत किसी आरोपी के लिए पीएमएलए के तहत जमानत पाना लगभग नामुमकिन सी बात होती है. कुछ साल पहले तक पीएमएलए एक्ट की धारा 45(1) भी थी जो इस कानून को और ज्यादा सख्त बनाती थी तथा जमानत की शर्त को और भी जटिल बना देती थी. लेकिन 2017 में जस्टिस रोहिंटन नरीमन और एसके कौल की पीठ ने पीएमएलए की धारा 45(1) को मनमाना बताते हुए इसे रद्द कर दिया था.
आरोपी की देश विदेश की सम्पति भी कर सकती है जब्त
पीएमएलए एक्ट ईडी को ये अधिकार देता है कि वो आरोपी की संपत्ति को कुर्क कर सके या फिर जब्त कर सके. फिर चाहे ये सम्पति देश में हो या फिर विदेश में. अगर ईडी को जाँच में ये लगता है कि आरोपी ने अपराध की कमाई से पैसा या सम्पति अर्जित की है तो उसे कुर्क या जब्त करने का प्रावधान है. ये इतना शक्तिशाली अधिकार है कि अगर पीएमएलए एक्ट के तहत ईडी ने संपत्ति अटैच कर ली तो फिर या आरोपी को सिद्ध करना है कि उसका वो पैसा या संपत्ति अपराध की कमाई से अर्जित नहीं की गयी थी. अगर आरोपी साबित नहीं कर पाता है वो सम्पति अटैच ही रहती है.
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