PMLA मामले में ED की बड़ी कार्रवाई, अल फलाह यूनिवर्सिटी चेयरमैन जावेद सिद्दीकी अरेस्ट
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PMLA मामले में ED की बड़ी कार्रवाई, अल फलाह यूनिवर्सिटी चेयरमैन जावेद सिद्दीकी अरेस्ट

अधिकारियों ने बताया कि कम से कम 9 शेल कंपनियां, जो एक ही पते पर रजिस्टर्ड हैं, जांच के दायरे में हैं। दिल्ली पुलिस की FIR में आरोप है कि अल फलाह यूनिवर्सिटी ने छात्रों और अभिभावकों को गुमराह करने के उद्देश्य से गलत तरीके से NAAC मान्यता का दावा किया।


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Enforcement Directorate: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अल फलाह ग्रुप के चेयरमैन जावेद अहमद सिद्दीकी को गिरफ्तार कर लिया है। यह कार्रवाई दिल्ली-एनसीआर में अल फलाह यूनिवर्सिटी के ट्रस्टी और प्रमोटरों के ठिकानों पर की गई व्यापक छापेमारी के बाद हुई। यह वही यूनिवर्सिटी है, जिसका नाम लाल किले के पास कार ब्लास्ट मामले में जांच एजेंसियों के रडार पर है।

ED अधिकारियों के अनुसार, सिद्दीकी को मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (PMLA) की धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया है और उन्हें रिमांड के लिए अदालत में पेश किया जाएगा। एजेंसी ने छापेमारी के दौरान 48 लाख रुपये नकद भी जब्त किए। सुबह 5:15 बजे शुरू हुई कार्रवाई में दिल्ली-एनसीआर के 19 ठिकानों पर छापे मारे गए। ED ने यह केस दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज दो FIRs के आधार पर दर्ज किया है।

ट्रस्ट ऑफिस पर छापा

ED ने दिल्ली के ओखला स्थित अल फलाह ट्रस्ट के कार्यालय पर भी छापा मारा। पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने पूरे भवन को घेरकर सुरक्षा घेरे में ले रखा था।

लाल किला विस्फोट: 15 लोगों की मौत, डॉक्टरों पर शक

10 नवंबर को लाल किले के पास हुए धमाके में 15 लोगों की मौत हुई थी। इस मामले में कश्मीर के कई डॉक्टरों की भूमिका की जांच की जा रही है, जिनका अल फलाह यूनिवर्सिटी से संबंध बताया जा रहा है। NIA अब तक दो आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है, जो कथित तौर पर “सुसाइड बॉम्बर” डॉ. उमर नबी के करीबी सहयोगी थे। नबी ही वह व्यक्ति था, जो विस्फोटक कार चला रहा था।

बिना हिसाब-किताब के हुआ अल फलाह ग्रुप का विस्तार

हरियाणा के फरीदाबाद के धौज इलाके में स्थित अल फलाह यूनिवर्सिटी एक मेडिकल कॉलेज-कम-हॉस्पिटल है। ED अधिकारियों के अनुसार, अल फलाह ट्रस्ट के तहत संचालित सभी शैक्षणिक संस्थान वास्तविक रूप से सिद्दीकी के नियंत्रण में थे। एजेंसी का कहना है कि 1990 के दशक से अल फलाह ग्रुप का तेज़ी से विस्तार हुआ, लेकिन इसकी वित्तीय वृद्धि “कागजी तौर पर दर्ज वैध आय” से मेल नहीं खाती।

परिवार को करोड़ों रुपये ट्रांसफर किए गए

8 सितंबर 1995 को स्थापित अल फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट में सिद्दीकी शुरुआती ट्रस्टी और मैनेजिंग ट्रस्टी थे। ED ने आरोप लगाया कि ट्रस्ट ने करोड़ों रुपये परिवार की कंपनियों में डायवर्ट किए। अधिकारियों के अनुसार, निर्माण और केटरिंग के ठेके सिद्दीकी की पत्नी और बच्चों की कंपनियों को दिए गए। कई शेल कंपनियों का पता चला। कई अन्य कानूनों के गंभीर उल्लंघन मिले। ED ने बताया कि नकदी की बरामदगी, फंड डायवर्जन और मनी-लेयरिंग के सबूत यह स्पष्ट करते हैं कि अवैध धन की उत्पत्ति और उसे छिपाने का पैटर्न स्थापित होता है।

नौ शेल कंपनियां, एक ही पते पर रजिस्टर्ड

अधिकारियों ने बताया कि कम से कम 9 शेल कंपनियां, जो एक ही पते पर रजिस्टर्ड हैं, जांच के दायरे में हैं। दिल्ली पुलिस की FIR में आरोप है कि अल फलाह यूनिवर्सिटी ने छात्रों और अभिभावकों को गुमराह करने के उद्देश्य से गलत तरीके से NAAC मान्यता का दावा किया। एक अन्य शिकायत में यह आरोप भी है कि यूनिवर्सिटी ने UGC Act 1956 की धारा 12(B) के तहत फर्जी मान्यता का दावा किया ताकि छात्रों और अभिभावकों को धोखे में रखकर नाजायज लाभ कमाया जा सके।

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