EXCLUSIVE LEAK:  पूर्व CIC बिमल जुल्का पर यौन उत्पीड़न की कोशिश का मामला दर्ज
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EXCLUSIVE LEAK: पूर्व CIC बिमल जुल्का पर यौन उत्पीड़न की कोशिश का मामला दर्ज

शिकायतकर्ता का कहना है कि जुल्का ने उसे और उसके भाई को करियर में मार्गदर्शन देने के बहाने कम से कम दो बार उसे गलत तरीके से छूने की कोशिश की। इतना ही नहीं, होटल के कमरे में उसके कपड़े उतारने की कोशिश की।


गुजरात के गांधीनगर में पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त और वरिष्ठ आईएएस अधिकारी बिमल जुल्का के खिलाफ गुजरात के गांधीनगर में मामला दर्ज हुआ है। यह मामला एक 21 वर्षीय महिला की शिकायत पर दर्ज किया गया है, जो अहमदाबाद की रहने वाली है।

जुल्का के खिलाफ दर्ज एफआईआर में उनके ऊपर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं जिनमें शामिल हैं- धारा 74 (BNS): किसी महिला की लज्जा भंग करने की नीयत से हमला करना या आपराधिक बल का प्रयोग करना, धारा 75 (BNS): यौन उत्पीड़न, धारा 76 (BNS): किसी महिला को निर्वस्त्र करने की नीयत से हमला या आपराधिक बल का प्रयोग, धारा 79 (BNS): किसी महिला की लज्जा का अपमान करने के इरादे से शब्द, इशारा या कृत्य करना। यह मामला गांधीनगर में दर्ज किया गया है और आरोप गंभीर प्रकृति के हैं।

जुल्का ने कहा, "इस पर मुझे कुछ नहीं कहना है"

बिमल जुल्का, जो 1979 बैच के मध्यप्रदेश कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी हैं, ने अप्रैल 2013 से अगस्त 2015 तक सूचना एवं प्रसारण सचिव के रूप में कार्य किया। सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें 2016 में सूचना आयुक्त नियुक्त किया गया और चार साल बाद वे केंद्र सरकार के मुख्य सूचना आयुक्त बने। जुल्का Paytm के बोर्ड में एक गैर-कार्यकारी स्वतंत्र निदेशक के रूप में भी कार्य कर चुके हैं, लेकिन उन्होंने अब इस पद से इस्तीफा दे दिया है।

जब संपर्क किया गया, तो गुजरात पुलिस के एक अधिकारी ने एक महिला की शिकायत के आधार पर एफआईआर दर्ज होने की पुष्टि की। अधिकारी ने बताया कि यह मामला गांधीनगर रेलवे पुलिस के अधिकार क्षेत्र में आता है, इसलिए वही जांच कर रही है कि आरोपों में कितनी सच्चाई है। जब जुल्का से संपर्क किया गया, तो उन्होंने कहा, "इस पर कुछ कहने को नहीं है।"

शिकायतकर्ता ने क्या लिखा है

शिकायतकर्ता महिला ने आरोप लगाया कि 10 फरवरी को उनकी पहली मुलाकात बिमल जुल्का से गांधीनगर के एक होटल में हुई थी। वह अपने भाई की सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के संबंध में मार्गदर्शन चाहती थीं। उस दिन बातचीत होटल की लॉबी से शुरू होकर उनके कमरे तक पहुंची।

जुल्का ने महिला से पूछा कि क्या वह उनके साथ अहमदाबाद तक की ड्राइव साझा कर सकती है। रास्ते में शिकायतकर्ता के मुताबिक, जुल्का ने अनुचित तरीके से छूने की कोशिश की और उसके बाद बैंक डिटेल्स पूछीं ताकि "गिफ्ट" भेजा जा सके। कुछ समय बाद महिला ने जुल्का के कहने पर बैंक विवरण साझा किया, जिसके बाद उन्होंने पैसे ट्रांसफर किए।

‘रोजाना होने लगी चैटिंग’

महिला का कहना है कि जुल्का ने खुद को उनका संरक्षक बताया और उन्हें करियर व इंटर्नशिप में मदद देने की बात कही। हालांकि, कुछ मैसेज उसे परेशान करने वाले लगे, लेकिन उसने मान लिया कि वह केवल अकेलेपन की वजह से ऐसा कर रहे हैं।

कपड़े उतारने की कोशिश का आरोप

महिला के अनुसार, 21 मार्च को जब वह जुल्का से फिर एक होटल में मिलने पहुंची तो बातचीत के बाद वह उनके कमरे में गईं। आरोप है कि लंच से पहले और बाद में जुल्का ने उन्हें अनुचित ढंग से छूने की कोशिश की और कपड़े उतारने का प्रयास किया। हालांकि महिला ने खुद को संभालते हुए किसी तरह उन्हें रोका और बाद में एयरपोर्ट छोड़ा। वहां भी उन्होंने महिला के खाते में पैसे ट्रांसफर किए।

सबूत इकट्ठा करने लगी पीड़िता

महिला का कहना है कि इस घटना के बाद वह मानसिक रूप से बुरी तरह प्रभावित हुईं और शर्मिंदगी महसूस करने लगीं। लेकिन भाई के सुझाव पर उन्होंने सबूत इकट्ठा करना शुरू किया— जैसे कि मैसेज, कॉल लॉग्स और चैट रिकॉर्ड। महिला ने 25 अप्रैल को गांधीनगर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने कहा कि वे मानसिक और भावनात्मक रूप से इतनी परेशान थीं कि शिकायत करने की हिम्मत नहीं जुटा सकीं। उन्होंने एक वकील से संपर्क भी किया, लेकिन कोई ठोस मदद नहीं मिली, जिससे शिकायत दर्ज कराने में देरी हुई।

कोर्ट की शरण में जुल्का

एफआईआर दर्ज होने के बाद बिमल जुल्का ने इस मामले में अग्रिम जमानत के लिए अदालत का रुख किया। उनके वकील ने अदालत में दलील दी कि जुल्का की सिविल सेवा में पूरी तरह निष्कलंक छवि रही है और वे अब 70 वर्ष के हो चुके हैं। वकील ने यह भी दावा किया कि उनके मुवक्किल को "फंसाकर और हनी ट्रैप में डालकर पैसे ऐंठने की कोशिश की जा रही है।"

जुल्का के वकील ने अदालत से यह भी कहा कि यह शिकायत "जवाबी कार्रवाई के तौर पर की गई है, क्योंकि जुल्का खुद शिकायत दर्ज कराने का विचार कर रहे थे। इसलिए शिकायतकर्ता महिला ने खुद को बचाने और जुल्का को शिकायत दर्ज कराने से रोकने के लिए यह झूठी शिकायत की, वो भी कथित घटना के डेढ़ महीने बाद।"

गुजरात पुलिस ने जुल्का की अग्रिम जमानत याचिका का विरोध किया। उन्होंने कहा कि आरोपी पर एक ऐसी युवती से छेड़छाड़ का आरोप है, जो उसकी पोती की उम्र की है, इसलिए उसे अग्रिम जमानत का संरक्षण नहीं दिया जाना चाहिए।

लेकिन अदालत ने जुल्का को सशर्त अग्रिम जमानत दे दी, जिनमें ये शामिल हैं कि वे जांच में पूरा सहयोग करेंगे, जांच अधिकारी के बुलाने पर उपस्थित रहेंगे और बिना अदालत की अनुमति के देश नहीं छोड़ेंगे।

अब शिकायतकर्ता ने ट्रायल कोर्ट द्वारा दी गई अग्रिम जमानत को उच्च न्यायालय में चुनौती दी है। हाईकोर्ट ने इस पर पुलिस और जुल्का दोनों को नोटिस जारी कर 18 अगस्त तक जवाब दाखिल करने को कहा है।

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