जेल में बंद बदमाश अब फोन के जरिये नहीं बल्कि इनके जरिये भिजवा रहे हैं मैसेज
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जेल में बंद बदमाश अब फोन के जरिये नहीं बल्कि इनके जरिये भिजवा रहे हैं मैसेज

मिलाई के दौरान आने वाले गुर्गो को बनाते हैं मैसेंजर किससे मांगनी है रंगदारी, किसकी करनी है हत्या, मैसेंजर आकर गैंग के सदस्यो को बताता है दिल्ली एनसीआर में बढते एक्सटोर्शन के मामलों में पुलिस के सामने चैलेंज जेल में बंद बदमाशों ने अंदर फोन का इस्तेमाल किया कम



दिल्ली और एनसीआर में बढ़ते एक्सटोर्शन के मामलों में दिल्ली पुलिस के सामने नया खुलासा हुआ है. इस खुलासे ने पुलिस के सामने एक बड़ा चैलेंज रख दिया है. दरअसल दिल्ली पुलिस ने पिछले दिनों रोहिणी इलाके से एक बदमाश रोहित उर्फ़ पाजी को गिरफ्तार किया. जो किसी से मिलने के लिए जा रहा था. उसके पास से एक पिस्टल भी बरामद की गयी. उसने खुलासा किया कि वो कुख्यात गैंग टिल्लू ताजपुरिया का सदस्य है. वो गैंग के लिए मैसेंजर का काम करता है, जेल में बंद आका जो भी आदेश देते हैं, वो बाहर मौजूद सदस्यों को इसकी जानकारी देता था.

क्राइम ब्रांच सूत्रों का कहना है कि दिल्ली एनसीआर में ऑपरेट कर रहे गैंग, अब इस नयी मोडस ओपेरेंडी का इस्तेमाल कर रहे हैं. यही वजह भी है कि पुलिस को इन सबकी जानकारी सही समय पर नहीं लग पा रही है. पहले ये होता था कि जितने भी गैंग है, चाहे लॉरेंस बिश्नोई हो या दविंद्र बम्भिया से जुड़ा नीरज बवानिया आदि. ये सब जेल में मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते थे. लेकिन बीते साल जिस तरह से तिहाड़ जेल के अंदर टिल्लू ताजपुरिया की हत्या की गयी थी, उसके बाद से ही जेल प्रशासन पर कई तरह के सवाल खड़े हुए थे. यही वजह भी है कि तिहाड़ जेल( मंडोली और रोहिणी जेल समेत) का सिक्यूरिटी रिव्यु भी किया गया था. इसके बाद से जेल में फोन के इस्तेमाल की काफी कमी आई है.

टिल्लू ताजपुरिया गैंग के मैसेंजर ने ये किया खुलासा

रोहित ने पुलिस के सामने खुलासा किया है कि वो जेल में बंद गैंग के बदमाशों से मिलता था और उनके लिए 'मैसेंजर' का काम करता था. वहां से उसे जो भी मैसेज दिया जाता, उसे वो बाहर सक्रीय बदमाशों तक पहुंचा देता था. जैसे कब और किस व्यापारी से रंगदारी मांगनी है. किसके यहाँ गोली चलानी है या किस विरोधी गैंग से जुड़े व्यक्ति की हत्या करनी है. ये सभी जानकारी अब वो जेल से लेकर आ रहा था और बाहर अपने साथियों को बता रहा था. उसने ये भी बताया कि वो अकेला मैसेंजर नहीं है. कई लोग ऐसा काम कर रहे हैं.

जेल में चल रहे फोन को किया जाता है इंटरसेप्ट

क्राइम ब्रांच और स्पेशल सेल के सूत्रों का कहना है कि जेल में बंद अपराधी, जो फोन इस्तेमाल कर रहे होते हैं, उनमे से अधिकतर को पुलिस सर्विलांस पर लगवाती है. वो इसलिए क्योंकि इस तरह के गैंगस्टर जेल के अंदर से फोन के माध्यम से अपने गुर्गों को वारदात करने के बारे में दिशा निर्देश देते रहे हैं. पुलिस इसी तरह की कॉल इंटरसेप्ट करके कई बार वारदात को विफल करते हुए बदमाशों को भी गिरफ्तार करती रही है.

बदमाश हो चुके हैं अलर्ट

फोन इंटरसेप्शन की भनक बदमाशों को भी लग चुकी है, यही वजह है कि वो अब जेल के अंदर फोन इस्तेमाल न के बराबर ही कर रहे हैं. इसलिए उन्होंने अब अपने गैंग में मैसेंजर रखने शुरू कर दिए हैं. जो जेल के अंदर या फिर कोर्ट में अपने आका की तारिख पर मिलने के लिए जाता है. वो बहार की जानकारी अपने आका को देता है और अपने आका से बाहर मौजूद गैंग के सदस्यों के लिए आदेश भी लेकर आता है.

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