सबूत नहीं छोड़ता था टाटा स्टील के बिजनेस हेड का हत्यारा
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सबूत नहीं छोड़ता था टाटा स्टील के बिजनेस हेड का हत्यारा

गाजियाबाद पुलिस ने एनकाउंटर में किया दक्ष उर्फ़ अक्की को ढेर अक्की सिम कार्ड के बिना करता था फोन का इस्तेमाल दिल्ली एनसीआर का डॉन बनने की रखता था ख्वाइश


गाजियाबाद के शालीमार गार्डन में टाटा स्टील(प्रवेश अलमीरा) के बिज़नस हेड विनय त्यागी की लूट के बाद हत्या के मामले में पुलिस एनकाउंटर मारे गए बदमाश दक्ष उर्फ़ अक्की को लेकर पुलिस जाँच में बहुत बड़ा खुलासा हुआ है. पुलिस ने दावा किया है कि दक्ष के साथियों ने पूछताछ के दौरान ये बताया है कि दक्ष बेहद शातिर था और इस बात से वाकिफ था कि पुलिस को अपराध को अंजाम देने वालों तक कैसे पहुँचती है. यही वजह है कि दक्ष मोबाइल पर बात करने के लिए किसी सिम का इस्तेमाल नहीं करता था, सिर्फ इंटरनेट कालिंग के जरिये संपर्क करता था और न ही अपनी फोटो किसी से शेयर करता था. पुलिस का दावा है कि उसका कोई सोशल मीडिया अकाउंट भी नहीं मिला है. पुलिस ने ये भी दावा किया है कि दक्ष दिल्ली एनसीआर का डॉन बनने का ख्वाब देखता था और यही वजह भी है कि उसने 21 साल की उम्र में खुद का गैंग खड़ा कर लिया था.

अपने गैंग के सदस्यों से ही छिपाई असली पहचान

पुलिस का कहना है कि दक्ष उर्फ़ अक्की के साथी युग घई और लवकुश उर्फ़ राघव सिंह ने पूछताछ में कई चौकाने वाले खुलासे किये हैं. दोनों ने ये दावा किया कि उन्हें दक्ष उर्फ़ अक्की का असली नाम ही नहीं पता था. उसने अपने गैंग के सभी सदस्यों को ये बताया हुआ था कि वो अनाथ है. वो किसी को अपना नाम अक्की, किसी को अनिल किसी को अजय बताता था. उसके मन में जो आता वाही उसका नाम बन जाता. कोई भी उसका असली नाम नहीं जानता था.

एक जगह नहीं रुकता था

दक्ष उर्फ़ अक्की के साथियों ने पुलिस को ये भी बताया कि दक्ष काफी चौकन्ना रहता था. वो पुलिस की जाँच को ध्यान में रख कर सोचता था. यही वजह है कि वो कभी गाजियाबाद, कभी बागपत, लोनी, दिल्ली आदि में रात बिताता. उसने अपने गैंग के सभी सदस्यों को ये समझाया हुआ था कि किसी भी वारदात को अंजाम देने के बाद सभी अलग हो जायेंगे और अलग अलग रास्ते भागेंगे. इसकी वजह यही थी कि अगर कोई पकड़ा जाए तो उसके साथ गैंग का कोई अन्य सदस्य पुलिस की गिरफ्त में न आये.

न सिम कार्ड न सोशल मीडिया अकाउंट

दक्ष उर्फ़ अक्की के साथिओं लवकुश और युग घई ने पुलिस के सामने ये दावा किया कि अक्की पुलिस जाँच से जुड़े कई सीरियल देखता था और पुलिस जाँच से जुडी खबरों को भी देखता था. उसे मालूम था कि सिम कार्ड से पुलिस लोकेशन का पता लगा सकती है. सोशल मीडिया अकाउंट पर फोट आदि शेयर करने से पहचान उजागर हो सकती है. इसलिए वो मोबाइल फ़ोन जरुर रखता था लेकिन उसमी एक्टिव सिम कार्ड नहीं रखता था. वो व्हाट्सएप कालिंग करता था.

अक्की की परवरिश किन्नर रिश्तेदार के घर हुई

पुलिस ने बताया कि अक्की का जन्म दिल्ली में ही हुआ था. उसके माता-पिता पहले दिल्ली-एनसीआर में ही रहते थे. अक्की की मां के एक रिश्तेदार किन्नर थे. अक्की की मां उनके यहाँ आती जाति थी. जब इस बात का पता अक्की के पिता को हुआ तो वो मैनपुरी(यूपी) लौट गए. लेकिन अक्की यहीं रह गया अपने रिश्तेदार के, जो किन्नर है. पुलिस का दावा है कि यहीं उसे नशे की लत लगी और इसी नशे की लत की वजह से वो लूटपाट करने लगा.

विनय त्यागी हत्याकांड

ज्ञात रहे कि 3 मई की देर रात लगभग पौने 12 बजे गाजियाबाद के साहिबाबाद के शालीमार गार्डन इलाके में टाटा स्टील(प्रवेश) के बिजनेस हेड विनय तागी की लूटपाट के दौरान चाकू से वार कर हत्या कर दी गयी थी. विनय त्यागी हाल ही में मुंबई से लौटे थे, उनकी पोस्टिंग पहले मुंबई में ही थी. इस वारदात ने यूपी के साथ साथ दिल्ली एनसीआर में भी संसनी फैला दी थी. गाजियाबाद पुलिस ने शुक्रवार तड़के एनकाउंटर के दौरान अक्की उर्फ़ दक्ष को मार गिराया जबकि उसके दो साथी युग और लवकुश को गिरफ्तार कर लिया. उसके तीसरे साथी आमिर की तलाश की जा रही है. पुलिस ने मुठभेड़ के बाद अक्की के पास से लूटा गया मोबाइल फ़ोन, चोरी की बाइक व तमंचा और लवकुश व युग के पास से लूटा गया, लैपटॉप बैग, चाकू, दो तमंचे और बाइक बरामद की है.

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