हाथरस भगदड़ में 6 सेवादार गिरफ्तार,कहां हैं एक लाख का इनामी मुख्य आरोपी?
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हाथरस भगदड़ में 6 सेवादार गिरफ्तार,कहां हैं एक लाख का इनामी मुख्य आरोपी?

FIR का मुख्यारोपी प्रकाश मधुकर फरार है. उसकी गिरफ्तारी पर 1 लाख रूपये का इनाम घोषित. पुलिस ने दो महिलाओं समेत 6 लोगों को गिरफ्तार किया है.


Hathras Stampede Action: हाथरस भगदड़ कांड में उत्तर प्रदेश पुलिस ने दो महिलाओं समेत 6 लोगों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार किये गए सभी 6 लोग आयोजन समिति के सदस्य और सेवादार हैं. ये सभी लोग भी हाथरस में मची भगदड़ के समय घटना स्थल पर मौजूद थे और भगदड़ मचने के बाद मौके से भाग गए थे. अलीगढ़ रेंज के आईजी पुलिस शलभ माथुर ने गुरुवार यानी 4 जुलाई को प्रेस कांफ्रेंस कर ये जानकारी दी. मुख्या आयोजनकर्ता प्रकाश मधुर की गिरफ्तारी पर यूपी पुलिस 1 लाख का इनाम घोषित करने की तयारी में है.


क्या बताया पुलिस ने

अलीगढ़ रेंज के आईजी पुलिस शलभ माथुर ने बताया कि अभी इस मामले में दर्ज FIR का मुख्यारोपी प्रकाश मधुकर फरार है. उसकी गिरफ्तारी पर 1 लाख रूपये का इनाम घोषित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करवाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गयी है.




भगदड़, दुर्घटना या साजिश!

आईजी शलभ माथुर ने ये भी कहा कि इस घटना में बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई है. प्रथम दृष्टया ये मामला दुर्घटना जैसा प्रतीत होता है, लेकिन इस बात का भी पता लगाया जा रहा है कि ये भगदड़ किसी साजिश का हिस्सा तो नहीं थी. दरअसल ऐसइ कुछ बातें कही जा रही है, जिसके बाद पुलिस हर एंगल को ध्यान में रखते हुए जांच कर रही है, ताकि कहीं कोई कमी न रहे और न ही कोई सवाल.

बाबा से भी हो सकती है पूछताछ

आईजी पुलिस शलभ माथुर ने बताया कि फिलहाल इस सत्संग के आयोजकों को ही आरोपी बनाया गया है. बाबा नारायण साकार उर्फ़ भोले बाबा इस सत्संग में मौजूद रहे, प्रवचन दिया और चले गए. अभी तक जो बयान और तथ्य सामने आये हैं, उसके मुताबिक बाबा के सामने भगदड़ नहीं मची थी, उनके जाने के बाद भगदड़ मची और इतना दर्दनाक और भयानक घटना घटित हुई. लेकिन ऐसा नहीं है कि बाबा को क्लीनचिट दे दी गयी है. अगर जरूरत पड़ेगी तो नारायण साकार उर्फ भोले बाबा से भी पूछताछ की जाएगी. एफआईआर के अंदर उनका (नारायण साकार उर्फ भोले बाबा) नाम नहीं है, इसका मतलब ये नहीं कि बाबा से पूछताछ नहीं की जा सकती. दरसल जब भी कोई आयोजन होता है तो उसके आयोजनकर्ता ही पुलिस से परमिशन लेते हैं और सारी व्यवस्था की ज‍िम्मेदारी आयोजक की होती है. इसी वजह से FIR में अभी तक आयोजकों का ही नाम है. लेकिन अगर जांच में ऐसा पाया जाता है कि बाबा की भूमिका भी इस घटना में थी, तो निश्चित ही बाबा से न केवल पूछताछ की जायेगी बल्कि उचित क़ानूनी कार्रवाई, जो बनती है वो की जायेगी. अभी उन लोगों की तलाश की जा रही है, जो आयोजक थे और सेवादार थे और पुलिस का सहयोग न करते हुए फरार हो गए थे.

इतनी बड़ी घटना को की गयी थी छुपाने की कोशिश

पुलिस सूत्रों का कहना है कि इतनी बड़ी घटना बाबा के सेवादारों की वजह हुई, ऐसा इसलिए क्योंकि जब ये घटना हुई तो सेवादारों ने पुलिस और प्रशासन कोई सुचना दी और जब पुलिस व प्रशासन को इसकी भनक लगी तो सेवादारों न भगदड़ में फंसे लोगों को बाहर निकलने नहीं दिया. इन्सबके बावजूद सेवादार लगातार पुलिस को रोकने में लगे रहे थे.

शवों को नहीं उठाने दिया जा रहा था

सूत्रों ने ये भी दावा किया है कि जब भगदड़ की जानकारी पुलिस और प्रशासन को हुई तो तुरंत ही घटना स्थल पर पहुंचा गया. लेकिन आयोजनस्थल पर जो सेवादार थे, उन्होंने पुलिस, प्रशासनिक अधिकारी व मदद के लिए आये श्तानीय लोगों को शव नहीं उठाने दिए. उनका यही कहना था कि बाबा के आशीर्वाद से ये सभी सही हो जाएंगे. लेकिन जब मामला बढ़ा और पुलिस व प्रशासन का अमला भी संख्याबल में बढ़ा तो सेवादार मौके से भाग निकले.

बाबा को प्रमुख सेवादार ने किया था फोन

पुलिस सूत्रों ने ये भी जानकारी दी है कि जब प्रमुख सेवादार प्रकाश मधुकर के मोबाइल फ़ोन की कॉल डिटेल्स खंगाली गयी है. उससे पता चला है कि जब भगदड़ मची और देखते ही देखते इतनी बड़ी संख्या में लोग मारे गए तो उसके कुछ देर बाद मधुकर ने बाबा के मोबाइल पर संपर्क किया था. इसलिए ये माना जा रहा है कि घटना के कुछ देर बाद ही बाबा को इसकी जानकारी हो चुकी थी. ज्ञात रहे कि ये घटना मंगलवार को दोपहर लगभग पौने दो बजे की है. बाबा जब सत्संग करने के बाद अपनी गाड़ी में बैठ कर निकले तो तुरंत ही उनके पीछे पीछे बड़ी संख्या में श्रद्धालु भी भागते हुए आये और उनके चरणों की धुल को माथे से अगाने के लिए झुकने लगे, तभी लोग एक के ऊपर एक चढ़ गए और भगदड़ मच गयी. चीख-पुकार के बीच लोग एक-दुसरे पर चढ़ने लगे, जिससे इतनी बढ़ी संख्या में लोगों की मौत हो गयी.

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