काल के गाल में समाए 116 सत्संगी, जानें क्या कहती है हाथरस पुलिस की FIR
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काल के गाल में समाए 116 सत्संगी, जानें क्या कहती है हाथरस पुलिस की FIR

पुलिस ने जो FIR दर्ज की है उसमें आयोजनकर्ताओं को आरोपी बनाया है, साथ ही ये आरोप लगाए हैं कि ढाई लाख से ज्यादा लोग सत्संग में शामिल हुए थे, जबकि परमिशन सिर्फ 80 हजार लोगों की मांगी थी


उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुए भीषण हादसे में 116 लोगों की मौत हो गयी. कई घायल भी हुए. मरने वालों में महिला, बच्चे और पुरुष भी हैं. हाथरस पुलिस ने इस मामले में FIR भी दर्ज कर ली है, जिसमें BNS की धारा 105, 110, 126(2), 223 और 238 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. FIR में ये दावा किया गया है कि पुलिस से इस कार्यक्रम की जो इजाजत मांगी थी, उसमें सिर्फ 80 हजार की भीड़ आने की बात कही गयी थी, जबकि कार्यक्रम में लगभग ढाई लोग आये थे. इसमें आरोपी 'मुख्य सेवादार' कहे जाने वाले देवप्रकाश मधुकर और उस धार्मिक कार्यक्रम के अन्य आयोजकों को बनाया गया है. FIR में पुलिस ने ये भी दावा किया है कि इस हादसे के बाद मौका-ए-वारदात से घायलों/मृतकों के जुटे चप्पल आदि सामन को इधर उधर छुपाने का प्रयास किया गया यानी सबूत नष्ट करने की कोशिश भी की गयी. जानते हैं FIR में इस हादसे का कारण क्या बताया गया है और क्या परिस्थिति बताई गयी है.




पढ़िए FIR में दर्ज इस दर्दनाक हादसे की कहानी पुलिस की ज़ुबानी

दिनांक 02.07.2024 को थाना क्षेत्र सिकन्दराराऊ में ग्राम फुलरई मुगलगढी के मध्य जीटी रोड के पास जगत गुरु साकार विश्वहरि भोले बाबा के सत्संग आयोजन का कार्यक्रम प्रस्तावित था. जिसके आयोजनकर्ता मुख्य सेवादार देवप्रकाश मधुकर पुत्र रामसिंह निवासी न्यू कालोनी दमट्पुरा कस्बा व थाना सि.राऊ जनपद हाथरस एवं अन्य सेवादार सहयोगी थे. आयोजनकर्ता द्वारा उक्त संगठन के पूर्ववर्ती कार्यक्रमों में जुटने वाली लाखों की भीड की स्थिति को छिपाते हुये इस कार्यक्रम में करीब 80000 की भीड (श्रृद्धालू) इकट्ठा होने की अनुमति मांगी गयी. जिसके दृष्टिगत पुलिस-प्रशासन द्वारा एकत्र होने वाली भीड की सुरक्षा, शान्ति व्यवस्था एवं यातायात प्रबंधन किया गया. किन्तु उक्त कार्यक्रम में सम्मिलित होने हेतु प्रदेश के विभिन्न जनपदों एवं निकटवर्ती प्रदेशों से दिनांक 2 जुलाई को लगभग ढाई लाख से अधिक श्रृद्धालुओं की भीड इकट्ठी हो गयी. जिसके कारण एवं आयोजक द्वारा अनुमति की शर्तों का पालन न किये जाने के फलस्वरुप जीटी रोड पर यातायात अवरुद्ध हो गया. जिसे ड्यूटी पर नियुक्त पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा सामान्य किये जाने का प्रयास किया जा रहा था.

दोफर 2 बजे प्रवचनकर्ता के निकलते ही मच गयी भगदड़

FIR के मुताबिक कार्यक्रम के मुख्य प्रवचनकर्ता सूरजपाल उर्फ भोले बाबा प्रवचन के बाद अपनी गाडी में सवार होकर कार्यक्रम स्थल से निकलते समय दोपहर करीब 2 बजे श्रृद्धालुजन महिला, पुरुष व बच्चों द्वारा उनकी गाडी के गुजरने के मार्ग से धूल समेटना शुरु कर दिया गया. कार्यक्रम स्थल से निकल रही लाखों श्रृद्धालुओं की बेतहाशा भीड के दवाब के कारण नीचे बैठे, झुके श्रृद्धालू दबने, कुचलने लगे. चीखपुकार मच गयी.




सेवादारों ने दबती कुचलती भीड़ को डंडों से रोक दिया गया

जीटी रोड के दूसरी ओर लगभग तीन मीटर गहरे खेतों में भरे पानी एवं कीचड में बेतहाशा दबती, कुचलती, भागती भीड को आयोजन समिति एवं सेवादारों द्वारा अपने हाथों में लिये डण्डों से जबरदस्ती रोक दिया गया. जिसके कारण लाखों व्यक्तियों के भीड का दबाव बढता चला गया और महिला, बच्चे एवं पुरुष दबते कुचलते चले गये. भगदड में लगी चोटों से महिलाओं, बच्चों व पुरुषों की स्थति मरणासन्न हो गयी.

पुलिस का दावा हादसे के बाद आयोजनकर्ताओं की तरफ से बचाव कार्य में नहीं मिला कोई सहयोग

मौके पर मौजूद पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा हरसभंव प्रयास करते हुये बमुश्किल लाखों की भीड के दबाव से दब-कुचल कर घायल / बेहोश हुये व्यक्तियों को उपलब्ध संसाधनों से अस्पताल भिजवाया गया. किन्तु आयोजनकर्ताओं एवं सेवादारों द्वारा कोई सहयोग नहीं किया गया. इस गम्भीरतम घटना के कारण अनेक लोग घायल हो गये, जिनमें से कई लोगों की मृत्यु हो गयी है. घायलों को जनपद हाथरस अलीगढ एटा आदि के अस्पतालों में उपचार हेतु भिजवाया गया. घटना के सम्बन्ध में उच्चाधिकारियों को सूचित करते हुए राहत एवं बचाव कार्य हेतु अतिरिक्त पुलिस बल व संसाधनों की मांग की गयी.

हादसे के घायलों/ मृतकों के सामन को खेतों में फेंक कर साक्ष्य मिटाने का प्रयास किया गया

पुलिस का दावा है कि आयोजनकर्ताओं के द्वारा कार्यक्रम में एकत्रित होने वाली भीड की संख्या को छिपाकर अत्याधिक लोगों को बुलाया गया था. साथ ही कार्यक्रम स्थल पर यातायात नियंत्रण हेतु आयोजक द्वारा अनुमति की शर्तों का पालन नहीं किया गया. भीड के दवाब से बेतहाशा भाग रहे, गिर पडकर कुचल रहे लोगों को रोकने तथा इस घटना में घायल हुये व्यक्तियों के मौके पर छूटे सामान कपडे जूता चप्पल को उठाकर निकटवर्ती खेत में फसल में फेंककर साक्ष्य छिपाया गया. इस प्रकार आयोजकों एवं सेवादारों के उक्त कृत्य से बडी संख्या में निर्दोष लोग मारे गये हैं तथा गम्भीर रुप से घायल हैं. आयोजकों एवं सेवादारों का ये कृत्य भारतीय न्याय सहिंता 2023 की धारा 105/110/126 (2)/223/238 के अन्तर्गत अपराध है.

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