मालिकों का फरार होना
हादसे के कुछ घंटे बाद ही क्लब के मालिक गौरव और सौरभ लूथरा देश छोड़कर भाग गए। उनका पहला गंतव्य थाईलैंड था। पुलिस को जैसे ही इन दोनों भाइयों के बारे में जानकारी मिली, तभी से उन्हें पकड़ने का प्रयास जारी है लेकिन ये दोनों काफी शातिर निकले, जो हादसे के चंद घंटे बाद ही देश छोड़ कर फरार हो गए।
इंटरपोल ब्लू नोटिस
गोवा पुलिस ने भगोड़ों को पकड़ने के लिए इंटरपोल से संपर्क किया। इंटरपोल ने गौरव और सौरभ लूथरा के खिलाफ ब्लू नोटिस जारी किया। ब्लू नोटिस अपराधियों की पहचान, स्थान और गतिविधियों के बारे में जानकारी जुटाने के लिए होता है।
पासपोर्ट रद्द करने की कार्रवाई
गोवा पुलिस ने लूथरा ब्रदर्स के पासपोर्ट रद्द करने के लिए आवेदन दिया है। यह कदम दोनों भाइयों को भारत वापस लाने में अहम साबित होगा।
दूसरे क्लब पर बुलडोजर एक्शन
गौरव और सौरभ के वागाटर इलाके में स्थित दूसरे क्लब पर मंगलवार को बुलडोजर चलाया गया। अरपोरा के क्लब की तरह यह क्लब भी मिट्टी में मिल गया। इस कार्रवाई में बड़ी संख्या में पुलिस और प्रशासन की मौजूदगी रही।
अन्य मालिकों पर लुकआउट सर्कुलर
आग से तबाह क्लब के अन्य मालिक अजय गुप्ता और सुरिंदर कुमार खोसला के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया। डीआईजी वर्षा शर्मा ने बताया कि खोसला ब्रिटेन का नागरिक है।
भगोड़े कहां हैं
सूत्रों के मुताबिक, लूथरा ब्रदर्स पहले थाईलैंड गए और अब उनके दुबई में भी संपत्ति होने का पता चला है। फुकेट एयरपोर्ट पर दोनों की तस्वीर सामने आई है। पुलिस का कहना है कि फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि दोनों फिलहाल कहां हैं, लेकिन उन्हें भारत वापस लाने के प्रयास लगातार जारी हैं।
गिरफ्तारी और रिमांड
पुलिस ने क्लब के मैनेजमेंट से जुड़े चार लोगों को गिरफ्तार किया है। इसमें राजीव मोदक, प्रियांशु ठाकुर, राजवीर सिंघानिया और विवेक सिंह शामिल हैं। इसके अलावा भरत कोली को दिल्ली से हिरासत में लिया गया है और गोवा लाया जा रहा है। सभी को जांच के लिए रिमांड पर भेजा गया है।
पुलिस और प्रशासन की तैयारी
डीआईजी वर्षा शर्मा ने कहा कि भगोड़ों को वापस लाने के लिए इंटरपोल की मदद ली जा रही है और हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। प्रशासन ने क्लबों की सुरक्षा मानकों और लाइसेंसिंग की जांच तेज कर दी है।
सवाल और चुनौती
हालांकि क्लबों को मिट्टी में मिलाया गया और मालिकों को पकड़ने की कवायद तेज है, सवाल यह है कि क्या गौरव और सौरभ लूथरा को भारत वापस लाया जा सकेगा और क्या पीड़ितों को न्याय मिलेगा। यह मामला अब पूरे देश की नजर में है।
क्या होता है ब्लू नोटिस
इंटरपोल ब्लू नोटिस, इंटरपोल नोटिसों में से एक है जिसका उद्देश्य किसी अपराध के संदिग्ध व्यक्ति के बारे में अतिरिक्त जानकारी एकत्र करना है: उसकी पहचान, ठिकाना और गतिविधियाँ। यह नोटिस उनके संपर्क और संपर्क स्थापित करने में सहायता करता है, और अंतर्राष्ट्रीय जाँच में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ब्लू नोटिस का उपयोग आमतौर पर न्याय से बचने वाले व्यक्तियों, गवाहों और अपराध के पीड़ितों का पता लगाने के लिए किया जाता है
ब्लू नोटिस में दी गई जानकारी में नाम, जन्मतिथि और जन्मस्थान, तस्वीरें और उंगलियों के निशान जैसी बुनियादी जीवनी संबंधी जानकारी के साथ-साथ संभावित अपराधों और संदिग्ध के ठिकाने का विवरण भी शामिल होता है। यह नोटिस सभी इंटरपोल सदस्य देशों को भेजा जाता है ताकि वे संबंधित व्यक्ति की खोज और पहचान में सहायक जानकारी प्रदान कर सकें।
ब्लू नोटिस अपराधी को गिरफ्तार करने का आदेश नहीं है।
यह केवल सूचना एकत्र करने के लिए होता है।
यह उन मामलों में जारी किया जाता है जहाँ व्यक्ति किसी आपराधिक जांच में संदिग्ध होता है।
इस नोटिस के माध्यम से इंटरपोल सदस्य देशों को चेतावनी देता है और अनुरोध करता है कि इस व्यक्ति की गतिविधियों और स्थान के बारे में जानकारी साझा की जाए।
इसे अक्सर अन्य नोटिसों के साथ जोड़ा जाता है जैसे:
रेड नोटिस – गिरफ्तारी और प्रत्यर्पण के लिए।
ग्रीन नोटिस – भविष्य के अपराधों के बारे में चेतावनी।