देशभर में फ्लाइट्स में बम की धमकी देने वाला नागपुर से गिरफ्तार, वजह सुन चौंक जायेंगे आप
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देशभर में फ्लाइट्स में बम की धमकी देने वाला नागपुर से गिरफ्तार, वजह सुन चौंक जायेंगे आप

नागपुर पुलिस का कहना है कि अरोपी का नाम जगदीश है, जो आतंकवाद विषय पर किताब भी लिख चूका है. उसने के केन्द्रीय मंत्री के लिए भी धमकी भरी ईमेल भेजी थी, जिसे तरके करते हुए पुलिस जगदीश तक पहुंची.


Hoax Bomb Threat : देश भर में लगभग 300 से ज्यादा फ्लाइट्स और ट्रेन में बम की धमकी मिलने के मामले में नागपुर पुलिस ने बड़ा दावा किया है. पुलिस का दावा है कि इस सिलसिले में एक संदिग्ध को गिरफ्तार किया गया है. सभवत: देशभर की फ्लाइट में बम की धमकी के पीछे उसी का हाथ है. हालाँकि पुलिस मामले की जाँच कर रही है और ये सुनिश्चित करना चाह रही है कि जिस संदिग्ध को पकड़ा गया है, सभी मामलों के पीछे वही है या कोई और?


क्या है पुलिस का दावा
नागपुर में पुलिस ने जिस संदिग्ध को गिरफ्तार किया है, उसका नाम जगदीश उइके (35) है, वो खुद को लेखक बताता है. उसने आतंकवाद को लेकर एक किताब भी लिखी है. पुलिस ने ये भी जानकारी दी कि उइके को इससे पहले वर्ष 2021 में एक मामले में गिरफ्तार किया गया था. पुलिस का कहना है कि ये गिरफ़्तारी नागपुर शहर की स्पेशल ब्रांच ने की है. आरोपी जगदीश के पास से धमकी भरे कई ईमेल मिले हैं, जिसके बाद उसे गिरफ्तार किया गया है. फिलहाल उससे पूछताछ की जा रही है.

आरोपी का दावा वो कानून की मदद करता है
पुलिस के अनुसार गिरफ़्तारी से कुछ समय पहले आखिरी बार जब नागपुर पुलिस ने जगदीश से संपर्क किया था तो जगदीश ने दावा किया कि उसका काम कानून की सहायता करना है. पिछले कुछ समय से जगदीश दिल्ली में रह रहा था. पुलिस का दावा है कि दिल्ली में रहते हुए ही जगदीश ने कई विमान कंपनियों और रेलवे स्टेशनों को धमकी भरे मेल भेजे थे. जगदीश पूर्वी विदर्भ के गोंदिया जिले में अर्जुनी मोरगांव का मूल निवासी है. उसकी मां और बहन अब भी वहीं रहते हैं.

संदिग्ध का दावा - पुलिस को अलर्ट करने के लिए दी थी बम की धमकी
पुलिस सूत्रों का कहना है कि अब तक की पूछताछ में जगदीश ने दावा किया है कि उसका मकसद किसी को परेशान करना नहीं बल्कि पुलिस व तमाम सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क करना था. लेकिन बम की इन धमकियों की वजह से बड़ी तादाद में कई फ्लाइट देरी से उड़ी तो कई डाइवर्ट हुई और कई रद्द हो गयीं. इस वजह से एयर लाइन्स के साथ साथ यात्रियों को भी काफी परेशानी उठानी पड़ी.

आतंकवाद पर लिखी है किताब
पुलिस के अनुसार आरोपी जगदीश उइके ने 'आतंकवाद - एक तुफानी राक्षस' नाम से एक किताब भी लिखी है. जगदीश ने इस इस किताब के कवर पेज पर ये भी लिखा है कि किताब की बिक्री से होने वाली आय का हिस्सा आतंकवाद विरोधी कामों में खर्च करने के लिए डोनेट किया जाएगा. जानकारी के अनुसार किताब में 35 घटनाओं के जरिए आतंकवाद को परिभाषित किया गया है. साथ ही इस किताब में आतंकवाद और आतंकियों के काम करने के तरीके और उसके वैश्विक असर को विस्तार से समझाने की कोशिश की गई है. जानकारी के मुताबिक, जगदीश को साल 2021 में ऐसी ही धमकियों के चलते गिरफ्तार किया गया था. हालांकि, बाद में उसे छोड़ दिया गया.

मानसिक रूप से परेशान लगता है
पुलिस का कहना है कि जगदीश उइके को जानने वाले लोग बताते हैं कि वो मानसिक रूप से कुछ निराश प्रतीत होता है. कम उम्र में उसके पिता की मौत हो गई थी. परिवार में आर्थिक दिक्कतों के चलते वो 11वीं कक्षा तक ही स्कूल जा पाया. हालाँकि उसे देश की सुरक्षा के विषय में काफी रूचि है.

कैसे किया आरोपी को ट्रेस?
जगदीश को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस ने पूर्ण तरह से तकनिकी जांच का सहारा लिया. पुलिस के लिए सबसे ज्यादा लाभदायक वो ईमेल रही, जिसे उइके ने एक मंत्री को भेजा था और वो भी धमकी भरा था. पुलिस ने उसी ईमेल की जांच शुरू की और फिर उसके आईपी एड्रेस की मदद से पुलिस जगदीश तक पहुंची. आईपी एड्रेस जगदीश के अर्जुनी मोरगांव वाले पते पर रजिस्टर्ड था.


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