कानपुर: युवक ने लड़की की हत्या कर शव को काले सूटकेस में भर यमुना में फेंका, पुलिस ने शुरू की तलाश
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पीड़िता की पहचान 20 वर्षीय आकांक्षा (बाएँ) के रूप में हुई है, जो 22 जुलाई से लापता बताई जा रही थी।

कानपुर: युवक ने लड़की की हत्या कर शव को काले सूटकेस में भर यमुना में फेंका, पुलिस ने शुरू की तलाश

कानपुर से 100 किलोमीटर दूर बांदा ज़िले में यमुना नदी में काले सूटकेस में भरा शव फेंकने से पहले दोनों आरोपी उसे मोटरसाइकिल पर ले गए। दोनों गिरफ्तार।


उत्तर प्रदेश के कानपुर और आसपास के ज़िलों की पुलिस ने यमुना नदी में बड़े पैमाने पर खोज अभियान शुरू किया, जब एक 22 वर्षीय युवक ने कथित तौर पर अपनी प्रेमिका की हत्या कर उसके शव को काले सूटकेस में भर नदी में फेंक दिया। पुलिस ने बताया कि आरोपी शव से भरे सूटकेस को मोटरसाइकिल पर लेकर कानपुर से बांदा ज़िले तक 100 किलोमीटर की दूरी तय कर वहां यमुना में फेंक आया। इतना ही नहीं, आरोपी ने नदी किनारे सूटकेस के साथ अपनी तस्वीर खींचकर उसे अपने व्हाट्सऐप स्टेटस पर भी डाला।

पीड़िता की पहचान 20 वर्षीय आकांक्षा के रूप में हुई है, जो 22 जुलाई से लापता थी। शनिवार को कानपुर पुलिस ने मुख्य आरोपी सूरज कुमार उत्तम और उसके दोस्त 21 वर्षीय आशीष कुमार को गिरफ्तार किया। पुलिस के अनुसार आशीष ही वह मोटरसाइकिल चला रहा था, जिस पर सूरज सूटकेस लेकर गया था।

अब पुलिस सूटकेस और शव की तलाश कर रही है। पुलिस ने बताया कि फतेहपुर ज़िले का रहने वाला बिजली मिस्त्री सूरज कुछ महीने पहले इंस्टाग्राम पर आकांक्षा के संपर्क में आया था। “हमने कॉल रिकॉर्ड और लोकेशन डिटेल जैसी साक्ष्यों के आधार पर आरोपी को गिरफ्तार किया है। उसने जांच के दौरान अपराध स्वीकार भी कर लिया है। उसके मोबाइल से सूटकेस की तस्वीर मिली है, जिसे पड़ोसी ज़िलों बांदा, चित्रकूट, फतेहपुर, कौशांबी और प्रयागराज की पुलिस को केस डिटेल्स के साथ भेजा गया है,” हनुमंत विहार थाने के SHO राजीव सिंह ने बताया।

20 वर्षीय आकांक्षा लापता

कानपुर देहात की रहने वाली आकांक्षा की मां विजयश्री ने हनुमंत विहार थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि 22 जुलाई से उनकी बेटी से संपर्क नहीं हो पा रहा। उन्होंने पुलिस को बताया कि आकांक्षा पिछले 10 महीनों से अपनी बड़ी बहन के साथ कानपुर के एक होटल में नौकरी कर रही थी और दोनों बर्रा इलाके में किराये के मकान में रहती थीं। जून में आकांक्षा ने नौकरी बदल ली और जुलाई तक हनुमंत विहार इलाके में नया घर ले लिया।

मां ने अपनी शिकायत में सूरज पर शक जताया और कहा कि जब उन्होंने बेटी के बारे में पूछा तो वह टालमटोल करता रहा और गुमराह करने की कोशिश की। अगस्त में मां ने पुलिस को बेटी के अपहरण की आशंका जताते हुए लिखित शिकायत दी, जिसके बाद FIR दर्ज हुई।

जांच में सामने आया कि आकांक्षा ने सूरज के कहने पर ही पुरानी नौकरी छोड़ी और नया मकान लिया। पुलिस को यह भी पता चला कि 21 जुलाई को सूरज और आकांक्षा के बीच होटल में झगड़ा हुआ था। कॉल रिकॉर्ड से पुष्टि हुई कि उसी शाम दोनों किराये के घर में मौजूद थे और अगले दिन सूरज बांदा ज़िले गया था। इन सुरागों के आधार पर पुलिस ने सूरज को पकड़कर पूछताछ की और मोबाइल की जांच की।

शुरू में सूरज ने कहा कि वह आकांक्षा का पता नहीं जानता, लेकिन बाद में पुलिस को पता चला कि उसी ने उसका मकान तय कराया था। अंततः सूरज ने अपराध कबूल लिया। SHO सिंह ने बताया, “सूरज ने कहा कि 21 जुलाई की दोपहर आकांक्षा ने उस पर दूसरी लड़की से संबंध रखने का आरोप लगाया, जिस पर झगड़ा हुआ। शाम को जब दोनों घर लौटे तो विवाद फिर बढ़ा और आकांक्षा ने उससे शादी की मांग की। बहस हिंसक हो गई और उसी दौरान सूरज ने गला दबाकर उसकी हत्या कर दी।”

इसके बाद सूरज ने फतेहपुर में अपने दोस्त आशीष को बुलाया। “दोनों ने आकांक्षा के ही काले सूटकेस में उसका शव भरा, मोटरसाइकिल पर बांदा ले गए और चिल्लाघाट के पास यमुना नदी में फेंक दिया। फेंकने से पहले दोनों ने सूटकेस की तस्वीर खींची और व्हाट्सऐप पर डाल दी,” SHO ने कहा।

हत्या के दो दिन बाद सूरज ने आकांक्षा के मोबाइल से उसके दोस्तों और परिवार वालों को संदेश भेजा कि वह लखनऊ के एक होटल में काम करने लगी है। बाद में उसने फोन को चलती ट्रेन में फेंककर नष्ट कर दिया।

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