केजरीवाल के नजदीकी बिभव की मुश्किलें नहीं हो रहीं कम, 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा
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केजरीवाल के नजदीकी बिभव की मुश्किलें नहीं हो रहीं कम, 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा

दिल्ली पुलिस ने तीन दिन की पुलिस रिमांड ख़त्म होने के बाद आज तीस हजारी कोर्ट में बिभव को किया पेश. अदालत ने बिभव को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा. उधर गिरफ्तारी को चैलेंज करने वाली याचिका सुनने योग्य है या नहीं, दिल्ली हाई कोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित


आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल के साथ कथित मारपीट के मामले में आरोपी बिभव कुमार को अदालत ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. तीन दिन की पुलिस रिमांड खत्म होने के बाद दिल्ली की सिविल लाइन थाना पुलिस ने बिभव कुमार को तीस हजारी कोर्ट में पेश किया. दिल्ली पुलिस ने अदालत से आग्रह किया कि बिभव कुमार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा जाए. हालाँकि बिभव कुमार के वकील ने इसका विरोध किया लेकिन अदालत ने पुलिस और बचाव पक्ष की दलील सुनने के बाद बिभव को न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया.

दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को बिभव कुमार को तीन दिन की पुलिस रिमांड ख़त्म होने के बाद तीस हजारी अदालत के मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट गौरव गोयल के सामने पेश किया. दिल्ली पुलिस ने बिभव कुमार को न्यायिक हिरासत में भेजने का आग्रह किया. अदालत ने दिल्ली पुलिस की मांग स्वीकार करते हुए बिभव को न्यायिक हिरासत में भेज दिया. इस दौरान बिभव के वकील ने कहा कि दिल्ली पुलिस अब तक बिभव कुमार की दो बार रिमांड पर ले चुकी है. कुल आठ दिन तक हिरासत में रख कर पूछताछ भी कर चुकी है लेकिन पुलिस को कोई ऐसा ठोस सुराग हाथ नहीं लगा, जिसमे बिभव कुमार पर जो आरोप लगें हैं, वो संपुष्ट नहीं हो पाए हैं. बिभव के वकील ने दलील देते हुए कहा कि बिभव किसी तरह से भी जांच में दखल देने की स्थिती में नहीं है. बचाव पक्ष ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज को संरक्षित रखने की मांग हमने ख़ुद से की है. ये वो सबूत है, जो हमारे पक्ष में जाता है, इसलिए संरक्षित रखने की मांग ख़ुद हमने की. बिभव के वकील ने ये भी कहा कि इस केस में जो गवाह हैं, वो सरकारी कर्मचारी है. क्या ऐसा लगता है कि मैं किसी तरह से गवाहों को धमका या डरा सकता हूँ. इतना ही नहीं कि वकील ने ये भी कहा कि मेरे देश छोड़ कर भागने की कोई आशंका नहीं है.

अदालत ने जब बिभव कुमार को न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया तो बिभव के वकील ने कहा कि सुरक्षा की दृष्टि से बिभव को प्राइवेट वाहन से जेल ले जाने की गुजारिश की, साथ ही ये भी दरखास्त की कि बिभव की अगली पेशी विडियो कॉन्फ़्रेंसिंग से की जाए.



बिभव कुमार की गिरफ्तारी को चैलेंज करने वाली याचिका सुनने योग्य है या नहीं दिल्ली हाई कोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला

इस बीच स्वाति मालीवाल के साथ कथित मारपीट के आरोपी बिभव कुमार द्वारा गिरफ्तारी को चैलेंज करने वाली याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. दिल्ली हाई कोर्ट फिलहाल इस बात पर फैसला सुनाएगी कि बिभव कुमार की ये याचिका सुनवाई योग्य है या नहीं.

दिल्ली हाई कोर्ट में आज ही ये याचिका लिस्ट हुई थी, जो जस्टिस नवीन चावला की बेंच के समक्ष लिस्ट हुई थी. बेंच ने इस बाबत ये कहा कि ये मामला एमपीएमएलए बेंच का बनता है, इसलिए इस पर वाही बेंच सुनवाई करेगी. इसके पीछे का कारण बताते हुए जस्टिस नवीन चावला ने कहा कि मामले में शिकायतकर्ता एक सांसद हैं. इस पर बिभव कुमार के वकील एन हरिहरन ने कहा कि गिरफ्तारी की चैलेंज की बात इसलिए की जा रही है कि इस मामले में जांच अधिकारी को ये देखना चाहिए था कि गिरफ्तारी की जरूरत है या नहीं, क्योंकि बिभव कुमार जाँच में सहयोग देने को तैयार था. उन्होंने अर्नेश कुमार के फैसले का रेफरेंस देते हुए कहा कि इसे आधार बनाते हुए गिरफ्तारी को चुनौती दी जा सकती है. वकील हरिहरन ने ये भी कहा कि बिभव को गिरफ्तार करने से पहले पुलिस की तरफ से आधार नहीं बताया गया. इस मामले में अपराध प्रक्रिया की धारा 41ए के प्रावधानों का भी उल्लंघन किया गया है.

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